लखनऊ, 14 जुलाई(वार्ता) उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने बाढ़ आपदा से निपटने के लिए सभी जरूरी उपकरण व सामान की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि अतिसंवेदनशील स्थानों पर कैंप लगाकर जनरेटर, इमरजेंसी लाइट, हाइलोजन तथा टॉर्च आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
डॉ0 सिंह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर देवीपाटन मंडल के बहराइच, श्रावस्ती एवं गोंडा तथा बाराबंकी व सीतापुर के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए सभी जरूरी उपकरण व सामान की व्यवस्था कर ली जाए।अतिसंवेदनशील स्थानों पर कैंप लगाये जाय। अन क्षेत्रों में जनरेटर, इमरजेंसी लाइट, हाइलोजन तथा टॉर्च आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
इसके पहले उन्होंने बलरामपुर का भ्रमण कर बाढ़ से बचाव के लिये तटबन्धों पर कराये गये निर्माण कार्यों का मौके पर निरीक्षण किया और अधिकारियों को सम्भावित बाढ़ से बचाव के लिए सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सर्किट हाउस गोंडा में आयुक्त, डीआईजी, जिलाधिकारी व अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करके गोंडा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में की गई तैयारियों, व्यवस्थाओं व कराए जा रहे कार्य आदि के संबंध में विस्तृत समीक्षा की।
बैठक में डॉ सिंह ने कहा कि इस वर्ष मानसून पहले आ गया है। इसके साथ ही लाॅक डाउन के बावजूद गोंडा में तीन चार महीने में पूरे होने वाले कार्यों को एक से डेढ़ माह में त्वरित गति से पूरा करके सेफ जोन में लाया गया है। पूरे कार्य की वीडियोग्राफी कराते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य को संपन्न कराया जा रहा है।
इस वर्ष गोंडा में 800मिली बारिश हो चुकी है तथा गत वर्ष के दो लाख 70 हजार क्यूसेेक वाटर डिस्चार्ज के सापेक्ष इस साल अब तक तीन लाख 22 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है। सभी बंधे अभी तक सुरक्षित हैं। टीकाकरण, खाद्यान्न, दवाओं आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इस वर्ष नदी में ड्रेजिंग कार्य करा कर नदी की धारा परिवर्तन का कार्य कराया गया है।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि किसी भी दशा में जनहानि न होने पावे। उन्होंने सरयू परियोजना का कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश देत हुए कहा कि आगामी दिसम्बर के अन्त तक परियोजना को पूरा किया जाए।
भंडारी
वार्ता