नयी दिल्ली 22 जून (वार्ता) जम्मू कश्मीर के सियासी भविष्य के संबंध में वहां के राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज यहां बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक शुरू हो गयी है।
प्रधानमंत्री निवास पर हो रही बैठक में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, नेशनल कांफ्रेन्स के नेता फारूख अब्दुल्ला , तथा उमर फारूख और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती, भाजपा के चमनलाल और जम्मू कश्मीर के अन्य राजनीतिक दलों के नेता सात रेस कोर्स रोड़ पहुंच गये हैं।
जम्मू कश्मीर में राजनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डा जितेन्द्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार , राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केन्द्र शासित प्रदेश के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
जम्मू कश्मीर का पांच अगस्त 2019 को राज्य का दर्जा समाप्त किये जाने तथा उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित किये जाने के बाद केन्द्र की ओर से वहां के राजनीतिक दलों के साथ बातचीत की पहली बार पेशकश की गयी है। उधर कश्मीरी पंडितों के संगठनों ने बैठक में उन्हें न बुलाये जाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि वह एक महत्वपूर्ण पक्ष हैं और उनकी बात भी सुनी जानी चाहिए।
वैसे तो आधिकारिक तौर पर इस बैठक का कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसमें केन्द्र शासित प्रदेश में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के उपायों पर विचार विमर्श किया जा सकता है। राज्यों में चुनावों की प्रक्रिया के बारे में भी चर्चा होने की संभावना है। उधर गुपकार गठबंधन के नेताओं ने कहा है कि वे इस बैठक में जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किये जाने की मांग करेंगे।
इस बीच बैठक के मद्देनजर केन्द्र शासित प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है और समूचे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के साथ चौकसी बरती जा रही है।
संजीव
वार्ता