राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Sep 7 2019 10:11PM झांसी में इलाहाबाद बैंक के कर्मचारी विलय के विरोध में सड़क पर उतरे
झांसी 07 सितम्बर (वार्ता) केंद्र सरकार के कुछ सरकारी बैंकों के आपसी विलय के संबंध में लिए गये निर्णय के विरोध में उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित इलाहाबाद बैंक की देश की दूसरी सबसे बडी शाखा के कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है और यह लोग हाथ में तख्ती लेकर सरकार के फैसले के विरोध में सड़क पर उतर आये हैं।
“ इलाहाबाद बैंक बचाओ संघर्ष समिति ” के केेंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर बैंक के क्षेत्र निरीक्षण कार्यालय पर सभी कर्मचारी एकत्र हुए और इलाहाबाद बैंक के इंडियन बैंंक में विलय के विरोध में जमकर नारेबाजी की। समिति के संयोजक अशाेक कुमार महावर ने बताया कि यह बैंक देश का सबसे पुराना राष्ट्रीयकृत बैंक है ,जिसकी पहली शाखा 1865 में इलाहाबाद में खोली गयी थी , इसके बाद दूसरी शाखा 1888 में झांसी में और तीसरी शाखा कानपुर में खोली गयी। इलाहाबाद बैंक अपनी 3229 शाखाओं के साथ पूरे देश में ग्राहकों को सेवाएं उपलब्ध कराता है। इतने बड़े और पुराने बैंक का देश भर में मात्र 2875 शाखाओं वाले इंडियन बैंक में विलय किया जाना सर्वथा अनुचित है।
कर्मचारी संघ के मंत्री गोपाल जी अग्रवाल ने कहा कि सरकार का यह कदम सर्वथा अनुचित है। इंडियन बैंक को इलाहाबाद बैंक में मिलाया जाना चाहिए। हमारे बैंक का नाम न केवल पुराना है बल्कि लोगों की आस्था से भी हमारे बैंक का नाम जुड़ा है और हम किसी कीमत पर इस नाम को मिटने नहीं देंगे । हम अपने बैंक और इसके नाम को बनाये रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमारा बैंक न केवल बड़ा है बल्कि आर्थिक रूप से इंडियन बैंक की तुलना में बेहद सशक्त भी है । इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में विलय होना चाहिए न कि इलाहाबाद का इंडियन बैंक में।
एसवीएसए के अध्यक्ष वीरेेंद्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि इलाहाबाद बैंक के पास पूरे देश में विशाल सम्पत्ति और दर्जनों भवन हैं , जो बड़े बड़े शहरों में राष्ट्रीय धरोहर का प्रतीक हैं।
सोनिया
वार्ता