राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Jun 5 2020 11:08PM अमरिंदर ने अगला विधानसभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान
चंडीगढ़, 05 जून(वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव लडऩे के अपने इरादे फिर से जाहिर करते हुये कहा कि वह अगला चुनाव लड़ेंगे लेकिन इसका अंतिम निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष को करना है।
कैप्टन सिंह ने आज वीडियो प्रैस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हालांकि उन्होंने 2017 के चुनाव को अपना आखिरी चुनाव बताया था लेकिन पार्टी के साथियों के कहने पर अगला चुनाव लडऩे के फैसले का ऐलान किया ।
साल 2022 में कांग्रेस की चुनाव प्रचार की मुहिम तैयार करने में प्रशांत किशोर को शामिल करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि श्री किशोर ने उनकी अपील के प्रति सकारात्मक जवाब दिया था। किशोर ने कहा है कि पंजाब आकर मदद करने में उन्हें बहुत खुशी होगी।
उन्होंने कहा कि अखबारों में वह जो कुछ पढ़ते हैं, उससे उन्हें हैरानी होती है। उन्होंने प्रशांत किशोर के मुहिम तैयार करने के मामले पर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ विचार-विमर्श किया था जिन्होंने फैसला उन पर छोड़ दिया है। उन्होंने इस बारे में अपनी पार्टी के विधायकों को भी विश्वास में लिया और 80 विधायकों में से 55 विधायक मुहिम संभालने के लिए श्री किशोर को लाने के पक्ष में थे।
कैप्टन सिंह ने कहा कि पंजाब कांग्रेस को सहयोग करने के लिए अपना समर्थन जाहिर करते हुए श्री किशोर ने इस बात से इन्कार किया है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में नवजोत सिद्धू या आम आदमी पार्टी (आप) के साथ किसी तरह की बातचीत चल रही है। प्रशांत किशोर को पारिवारिक सदस्य बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया में चल रही अटकलों और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल के दावों के उलट श्री किशोर ने सिद्धू या आप के साथ किसी तरह के संबंध को रद्द किया है।
उन्होंने कहा कि विधायक नवजोत सिद्धू कांग्रेस पार्टी का हिस्सा है और वह पार्टी हाई कमान के संपर्क में है।
सिद्धू या कांग्रेस के किसी अन्य सदस्य को कोई गुरेज है तो वह आकर उनके साथ बातचीत कर सकता है।
बेअदबी के मामले पर सिद्धू की नुक्ताचीनी वाली टिप्पणियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बरगाड़ी और बेअदबी के अन्य मामलों की जांच जारी है लेकिन हम निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन किये बिना लोगों को सलाखों के पीछे नहीं भेज सकते। बरगाड़ी केस में बहुत से चालान पेश किये जा चुके हैं परन्तु राज्य सरकार अदालतों के कामकाज में दखल नहीं दे सकती।
शर्मा
वार्ता