चंडीगढ़, 09 फरवरी (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज गिरोहबाज सुखा कहलवां के जीवन पर बनी फिल्म ‘शूटर‘ पर बैन लगाने का आदेश दिया।
पंजाब सरकार के यहां जारी बयान के अनुसार फिल्म पर प्रतिबंध इसके हिंसा, हफ्तावसूली, धमकियों जैसे अपराधों को बढ़ावा देने के कारण लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने इसीके साथ पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता को यह निर्देश भी दिया है कि वह देखें कि फिल्म के निर्माता के वी ढिल्लन के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है क्योंकि निर्माता ने पिछले साल लिखित में दिया था कि वह फिल्म, जिसका टाइटल तब ‘सुखा कहलवां‘ था, बंद कर रहे हैं। पुलिस महानिदेशक को फिल्म के प्रमोटरों, कलाकारों व निर्देशक की भूमिका की जांच के लिए भी कहा गया है।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार कैप्टन अमरिंदर ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार ऐसी फिल्मों, गीतों को अनुमति नहीं देेगी जो अपराध, हिंसा, गिरोहबाजी या अपराध को बढ़ावा देती हों।
पुलिस महानिदेशक के अनुसार शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में फिल्म के मुद्दे पर चर्चा की गई थी और फिल्म पर प्रतिबंध का सुझाव सहायक पुलिस महानिदेशक (इंटेलीजेंस) वरिंदर कुमार ने दिया था। फिल्म का ट्रेलर 18 जनवरी को जारी किया गया था, जो फिल्म की उग्र प्रकृति का संकेत देता है।
एडीजीपी के प्रदेश सरकार के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखे पत्र के अनुसार युवाओं पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव तथा कानून व्यवस्था के प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर फिल्म के प्रदर्शन पर पंजाब में बैन लगाना उचित होगा।
पिछले साल मोहाली पुलिस को इस आशय की शिकायत मिली थी कि फिल्म गिरोहबाज को महिमामंडित करती है जिसके बाद निर्माता ने मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखित में दिया था कि चूंकि फिल्म से कानून एवं व्यवस्था बिगड़ सकती है इसलिए वह फिल्म बंद कर रहे हैं लेकिन शीर्षक बदलकर फिल्म बन चुकी है और 21 फरवरी को इसके प्रदर्शन की घोषणा की गई है।
गिरोहबाज कहलवां खुद को ‘शार्पशूटर‘ कहलाता था और हत्या, अपहरण तथा हफ्ता वसूली के बीस से अधिक मामलों में संलिप्त था तथा कहलवां की गिरोहबाज विक्की गोंडर तथा उसके साथियों ने 22 जनवरी 2015 को गोली मारकर हत्या की थी जब उसे जालंधर की अदालत में सुनवाई के बाद पटियाला जेल ले जाया जा रहा था।
उल्लेखनीय है कि एक याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित चंडीगढ़ पुलिस को पहले से निर्देश दे चुकी है कि शराब, नशे और हिंसा को महिमामंडित करने वाले गीतों को लाइव शो तक में न बजने दिया जाये।
पिछले कुछ सालों में पंजाब में हिंसा को महिमामंडित करने वाले गीतों व फिल्मों का ट्रेंड सा चल पड़ा था।
महेश विजय
वार्ता