खेलPosted at: Sep 20 2019 9:47PM अमित ने रचा इतिहास, स्वर्ण से एक पंच दूर
नयी दिल्ली, 20 सितंबर (वार्ता) भारत के अमित पंघल ने रूस के एकाटेरिनबर्ग में चल रही विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में शुक्रवार को अपने 52 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही नया इतिहास रच दिया। वह अब स्वर्ण पदक जीतने से एक पंच दूर रह गये हैं। सेमीफाइनल में पहुंचे एक अन्य भारतीय मुक्केबाज मनीष कौशिक को 63 किग्रा में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
अमित ने अपने 52 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में कजाखिस्तान के साकेन बिबोसिनोव को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर फाइनल में जगह बनाई और विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज़ बन गये हैं। भारतीय मुक्केबाज़ ने इस जीत के साथ देश के लिये रजत पदक सुनिश्चित कर दिया है और वह शनिवार को स्वर्ण पदक मुकाबले के लिये फाइनल में उतरेंगे। अमित का फाइनल में मौजूदा ओलम्पिक स्वर्ण विजेता उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से मुकाबला होगा।
पुरूषों के 63 किग्रा भार वर्ग में हालांकि राष्ट्रमंडल खेलों के रजत विजेता मनीष कौशिक को सेमीफाइनल में शीर्ष वरीय क्यूबा के एंडी क्रुज़ के हाथों सर्वसम्मति से दिये गये फैसले में 0-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी। इसी के साथ मनीष को कांस्य से संतोष करना पड़ा। यह पहला मौका है जब विश्व चैंपियनशिप में एक साथ दो भारतीयों ने पदक जीते हैं।
भारत ने मुक्केबाजी चैंपियनशिप में इसी के साथ पुरूष वर्ग में अब तक कुल पांच कांस्य पदक जीत लिये हैं। उनसे पहले वर्ष 2009 में विजेन्दर सिंह, वर्ष 2011 में विकास कृष्णन, शिवा थापा ने 2015 और गौरव बिधूड़ी ने 2017 में कांस्य पदक जीते हैं।
जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण जीत चुके अमित ने फाइनल में जगह बनाने के बाद कहा,“मैंने जीत के लिये काफी मेहनत की थी। मेरा मुकाबला काफी कड़ा रहा। यह काफी करीबी था और मुझे इसके लिये मेहनत करनी पड़ी। लेकिन किसी भारतीय मुक्केबाज़ के लिये यह बड़ी उपलब्धि है। मैं अब देश के लिये स्वर्ण जीतने का पूरा प्रयास करूंगा।”
हालांकि अमित को सेमीफाइनल मुकाबले में विपक्षी मुक्केबाज़ से कड़ी चुनौती मिली और पहले राउंड में वह काफी पिछड़ गये। दोनों खिलाड़ियों ने काफी आक्रामकता दिखाई लेकिन अमित ने बढ़त बनाई। बाद में भारतीय खिलाड़ी ने काफी रक्षात्मक खेला और विपक्षी के पंचों से खुद को बचाया।
25 वर्षीय मनीष ने कांस्य पदक जीतने के बाद कहा कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन कुछ कमियां भी रहीं जिससे वह मुकाबला हार गए। वह इन कमियों में सुधार करने की कोशिश करेंगे। लेकिन उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला पदक जीत लिया है।
अमित और मनीष ने पदक विजयी प्रदर्शन के साथ ही ओलम्पिक क्वालीफायर्स के लिए भारतीय टीम में अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया है जो अगले वर्ष फरवरी में चीन में होंगे। इन दोनों मुक्केबाजों के वजन वर्गों को चयन ट्रायल से छूट दी जायेगी।
राज
वार्ता