जकार्ता, 01 सितंबर (वार्ता) भारतीय मुक्केबाज़ 22 साल के अमित पंघल ने 18वें एशियाई खेलों में शनिवार को पुरूषों के 49 किग्रा लाइटफ्लाई भार वर्ग में ओलंपिक चैंपियन उज्बेकिस्तान के हसनब्वॉय दुस्मातोव को 3-2 से हराकर भारत को इन खेलों के मुक्केबाजी मुकाबलों में पहला स्वर्ण पदक दिला दिया।
हरियाणा के युवा मुक्केबाज़ ने ओलंपिक चैंपियन काे हराकर अपने करियर की सबसे बड़ी बाउट जीत ली। पांचों जजों ने हालांकि विभाजित फैसला सुनाया लेकिन अमित ने 28-29, 29-28, 29-28, 28-29, 30-27 से बाउट और स्वर्ण पदक जीत लिया। 18वें एशियाई खेलों में यह मुक्केबाजी में भारत का दूसरा पदक है। इससे पहले विकास कृष्णन ने 75 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
भारतीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने सेना के मुक्केबाज़ अमित को जब स्वर्ण पदक पहनाकर गले लगाते हुये बधाई दी तो अमित की आंखों में आंसू आ गये। राष्ट्रगान बजने के समय भी अमित की आंखों से लगातार आंसू निकल रहे थे।
स्वर्ण पदक जीतने के बाद अमित ने कहा,“ यह अविश्वसनीय जीत है। ओलंपिक चैंपियन को एशियाई खेलों के फाइनल में हराना सपना पूरा होने जैसा है और यह जीत इसलिये भी बड़ी हो जाती है कि मैंने अपने पदार्पण एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता।” भारत ने पिछले इंचियोन एशियाई खेलों में एक स्वर्ण और चार कांस्य सहित पांच पदक जीते थे लेकिन इस बार उसके हाथ मुक्केबाजी में दो ही पदक लगे। भारत ने इन खेलों में 10 मुक्केबाजों को उतारा था।