भारतPosted at: Nov 2 2018 8:45PM अमृतसर हादसे की जांच मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त को सौंपी गयी
नयी दिल्ली, 02 नवंबर (वार्ता) दशहरे के दिन पंजाब के अमृतसर में हुए हादसे के करीब एक पखवाड़े बाद रेलवे ने उस घटना की जांच रेल संरक्षा आयुक्त से कराने का फैसला किया है।
रेल मंत्रालय ने आज यहां बताया कि अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने यहां 23 अक्टूबर को रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिलकर अमृतसर हादसे की रेल संरक्षा आयुक्त से जांच कराने की मांग की थी जिस पर रेल मंत्रालय ने परिस्थितियों, कानूनी प्रावधानों एवं अन्य तथ्यों के आधार पर विचार किया करने के उपरांत स्वीकार कर लिया और लखनऊ स्थित मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी है।
रेल मंत्रालय ने कहा कि कानून के अनुसार ऐसे मामलों में मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त से जांच कराना अनिवार्य नहीं है लेकिन कराने में कोई रोक भी नहीं है। इससे पहले भी रेलवे ट्रैक पर लोगों के कट कर मारे जाने की एक घटना की संरक्षा आयुक्त से जांच किये जाने का उदाहरण है।
रेल मंत्रालय के बयान में कहा गया कि प्रथमदृष्टया अमृतसर हादसे में रेलवे जिम्मेदार प्रतीत नहीं होती है, फिर भी लखनऊ स्थित मुख्य संरक्षा आयुक्त को इस घटना की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
अमृतसर के बाहरी इलाके में मानावालां स्टेशन के समीप रेल पटरियों से सटे एक मैदान में 19 अक्टूबर को दशहरे के दिन रावण के पुतले के दहन के वक्त शाम को करीब साढ़े छह बजे बड़ी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर जमा थे और इस बीच पटाखों के शोर के बीच एक ट्रेन पूरी गति से वहां आ गयी जिससे कट कर कम से कम 61 लोगों की मौत हो गयी थी और 30 से अधिक घायल हो गये थे। राज्य सरकार ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये थे जबकि रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा था कि इसमें रेलवे की कोई चूक नहीं थी बल्कि स्थानीय प्रशासन एवं आयोजकों की जिम्मेदारी थी लेकिन बाद में रेलवे की ओर भी उंगलियां उठायीं गयीं थीं।
सचिन टंडन
वार्ता