राज्यPosted at: Nov 5 2019 12:29AM आरसीईपी से भारत के अलग रहने के फैसले का अमूल ने किया स्वागत
आणंद (गुजरात), 04 नवंबर (वार्ता) ब्रांड अमूल का स्वामित्व रखने वाली गुजरात की 17 डेयरियों के महासंघ गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीएसीएमएमएफ) ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के मुक्त व्यापार संगठन क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में भारत के शामिल नहीं होने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काे धन्यवाद ज्ञापित किया है।
महासंघ ने आज रात यहां जारी बयान में कहा है कि ऐसा कर प्रधानमंत्री ने गुजरात के 36 लाख समेत देश भर के करोड़ों पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों का समर्थन किया है। अगर भारत इस संगठन में शामिल होता तो देश में न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया जैसे देशों से डेयरी उत्पादाें की बाढ़ आ जाने से इन पशुपालकों को बहुत नुकसान होता।
ज्ञातव्य है कि अमूल पहले से ही इस संगठन में भारत के शामिल होने का विरोध करता रहा है। अमूल ने देश के वाणिज्य मंत्री और सत्तारूढ़ भाजपा तथा उसकी मांग का समर्थन करने वाले विभिन्न संगठनों को भी धन्यवाद दिया है।
ज्ञातव्य है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ दूध उत्पादक देश है जहां 20 प्रतिशत दूध का उत्पादन होता है। वर्ष 2033 तक यह आंकड़ा 31 प्रतिशत को पार कर जाने का अनुमान है। मौजूदा समय में देश का डेयरी उद्योग 100 अरब डाॅलर का है जो देश के कुल धान और गेहूं उत्पादन की कीमत से भी अधिक है।
रजनीश
वार्ता