दुनियाPosted at: Sep 23 2019 9:23PM जलवायु परिवर्तन पर व्यवहार में बदलाव के जनांदोलन की जरूरत : मोदी
न्यूयॉर्क 23 सितंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयासों को अपर्याप्त बताते हुए सोमवार को कहा कि इस दिशा में तत्काल ठोस कदम उठाने और व्यवहार में बदलाव का विश्वव्यापी आंदोलन शुरू करने की जरूरत है।
श्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु परिवर्तन पर सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौती से निपटने के लिए उस तरह के कदम नहीं उठाये गये जितनी जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए समग्र दृष्टि, शिक्षा, जीवनस्तर, दर्शन और व्यवहार में बदलाव लाने के लिए एक विश्वव्यापी आंदोलन शुरू करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि लालच नहीं बल्कि आवश्यकता की पूर्ति हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए। भारत इसी दृष्टिकोण के साथ व्यावहारिक सोच एवं रोडमैप लेकर आया है। हम भारत के ईंधन उपयोग में गैर जीवाश्म ईंधन की मात्रा बढ़ा रहे हैं। नवीकरणीय ऊर्जा में हमने 175 गीगावाट के उत्पादन का लक्ष्य रखा है और आगे हम इसे 450 गीगावाट तक ले जाएंगे। भारत में ई-मोबिलिटी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है और पेट्रोल एवं डीज़ल में बॉयोफ्यूल का मिश्रण किया जा रहा है। करीब साढ़े 11 करोड़ लोगों को रसोई गैस के कनेक्शन दिये गये हैं।
श्री मोदी ने कहा कि भारत में जल संरक्षण के लिए मिशन जल जीवन की शुरुआत की गयी है। अगले साल भारत इस पर पांच करोड़ डॉलर खर्च करेगा।
सचिन संजीव
जारी वार्ता