अयोध्या, 04 सितम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने बुधवार को कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं कालेजों को एक गांव गोद लेना चाहिये जिससे स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, कुपोषण से बचाव किया जा सके।
अयोध्या मुख्यालय से करीब पैंतीस किलोमीटर दूर आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के 21 वें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती पटेल ने एक समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय एवं कालेजों को एक गांव गोद लेने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि इन गांवों में स्वच्छता, स्वास्थ्य, कुपोषण आदि से बचाव के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करने की आवश्यकता है। तभी स्वस्थ व निरोगी भारत का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वप्न साकार होगा।
उन्होंने कहा कि हारे उपाधि प्राप्त कर्ता विद्यार्थी सामाजिक सरोकार से अपने को जोड़ें तभी उच्च शिक्षा का असली लाभ समाज व देश का हासिल होगा। उन्होंने फास्ट फूड की युवाओं में पसरती संस्कृति की आलोचना करते हुए कहा कि यह हमारे नौजवानों की सेहत व मन को नुकसान पहुंचा रही है।
प्रदेश की राज्यपाल ने कहा कि हम देश को संस्कारवान तभी बना सकते हैं जब बच्चों में जन्म से संस्कार के भाव भरे जायेंगे। श्रीमती पटेल ने महाभारत के अभिमन्यु जन्म प्रसंग का उदाहरण देते हुए कहा कि हम अपने सद्ग्रन्थों से भले ही सीख न लें परन्तु जर्मनी जैसे देश गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष कक्षा संचालित कर रहे हैं जिससे गर्भ में ही बच्चे को संस्कारवान बनाने में सहयोग मिला।
उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को निरोगी व स्वस्थ बनाने के लिये हमें आठ वर्ष तक बच्चों के खान-पान व संस्कार पर विशेष रूप से केन्द्रित रहना होगा। कुलाधिपति ने कहा कि देश में प्रति व्यक्ति के स्वास्थ्य पर औसतन सात हजार रुपये सरकार व्यय करती है जिसे हम अपनी दिनचर्या व भोजन की आदतों में परिवर्तन कर बचा सकते हैं।
श्रीमती पटेल ने पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिये प्रति व्यक्ति जिम्मेदारी व कर्तव्यनिर्वहन का संदेश देते हुए कहा कि हमें प्लास्टिक मुक्त भारत बनाना होगा। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को कुपोषण से भी बचाने का आहवान किया।
सं त्यागी
जारी वार्ता