अमरावती, 27 जनवरी (वार्ता) आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने सोमवार को एक अहम फैसला लेते हुए विधान परिषद को समाप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर बड़ा निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में चर्चा के बाद विधान परिषद को समाप्त करने का निर्णय लिया गया।
राज्य के वित्त मंत्री बुग्गना राजेंद्रनाथ रेड्डी विधानसभा में इस पर बहस के लिए एक प्रस्ताव पेश करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। कैबिनेट ने विधान परिषद को समाप्त करने का प्रस्ताव लाने से पहले राजनीतिक और न्यायिक पहलुओं पर चर्चा की।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश विधान परिषद ने 20 जनवरी को विधानसभा द्वारा पास हुए तीन राजधानी बनाने के विधेयक को पारित नहीं किया था।
परिषद के अध्यक्ष एस. मोहम्मद अहमद ने 21 जनवरी को इस विधेयक को ‘चयन समीति’ के पास भेज दिया था।
राज्य विधान परिषद में 58 सदस्य है जिनमें तेलगू देशम पार्टी (तेदपा) के 28 सदस्य हैं जबकि वाईएसआरसीपी के नौ, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और निर्दलीय तीन-तीन और आठ नामित सदस्य हैं।
राज्य के दो कैबिनेट मंत्री पिल्ली सुभाष चंद्र बोस और मोपीदेवी वेंकटा रमन्ना भी विधान परिषद के सदस्य हैं।
श्री रेड्डी की सरकार यह समझ गयी है कि उनकी पार्टी के लिए तीन राजधानी बनाने वाला विधेयक विधान परिषद में पास कराना आसान नहीं होगा। इसलिए उन्होंने इसे भंग करने का निश्चय किया।
वहीं, तेदपा ने आज मंगलागिरी में प्रदेश कार्यालय में बैठक बुलायी, जिसमें सरकार के विधान परिषद को समाप्त करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गयी।
तेदपा नेता वाई. रामकृषणनुडू ने संवाददाताओं से कहा कि विधान परिषद को भंग करने की एक प्रक्रिया है और उसे पूरा होने में दो साल से अधिक समय लगेगा।
शुभम, उप्रेती, संतोष
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