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लोकरुचि


56 भाेग के लिये अन्नपूर्णा रथ गोवर्धन रवाना

56 भाेग के लिये अन्नपूर्णा रथ गोवर्धन रवाना

मथुरा, 8 अक्टूबर (वार्ता) शरद पूर्णिमा के मौके पर कान्हा की नगरी मथुरा में गिर्राज तलहटी में आयोजित अनूठे 56 भोग के लिये अन्नपूर्णा रथ मथुरा से गोवर्धन के लिये रवाना हो गया है।


     श्री गिर्राज जी सेवा ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश किलेवालों ने बताया कि गिर्राज जी का हीरा, जवाहरत, माणिक, मोती, पुखराज, नीलम पन्ना, वैजन्ती माला, कमल पुष्प तथा हारों से सुसज्जित नाथद्वारा शैली में श्रृंगार आकर्षण का केन्द्र होगा ।

     उन्होने बताया कि अन्नपूर्णा रथ के गोवर्धन आने के पहले वैदिक मंत्रों के मध्य भट्टी का पूजन किया गया। छप्पन भोग से संबंधित सभी कार्य शुभ महूर्त पर विधि विधान से किये जाते हैं। यही इस छप्पन भोग की विशेषता है।

      भट्टी पूजन एवं अन्नपूर्णा रथ के गोवर्धन पहुंचने के साथ 40 कारीगरों द्वारा प्रसाद तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। ये कारीगर  दिन रात मेहनत कर पुष्टिमार्गीय पद्धति से अपरस में प्रसाद 12 अक्टूबर से पहले तैयार करेंगे क्योंकि 12 अक्टूबर को छप्पन भोग का आयोजन किया गया है। यह भोग 11,100 छवरियों में गिर्राज प्रभु को अर्पित किया जायेगा ।

      सामूहिक आराधना के इस पर्व की व्यवस्थाओं के लिए समितियां बना दी गई हैं। प्रसाद की व्यवस्था दीनदयाल अग्रवाल, पुरूषोत्तम सर्राफ, राम अग्रवाल, श्याम ग्रे वाले, ए0एन0 भाटिया, दुर्गाप्रसाद अग्रवाल गोवर्धन वाले एवं धर्मेन सी0ए0 की देखरेख में तैयार किया जा रहा है।

     श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रसाद तैयारी की व्यवस्था के लिए 8 लोग इसलिए लगाए गए हैं कि ये बारी बारी से  प्रसाद का पूर्ण शुचिता से तैयार करना सुनिश्चित करेंगे क्योंकि सामूहिक आराधना के इस पर्व की प्रमुख विशेषता शुचिता बनाए रखना है। शुचिता के अभाव में ठाकुर का आशीर्वाद उस रूप से नही मिलेगा जिस अपेक्षा के साथ यह आयोजन किया गया है।

       उन्होंने बताया कि पंडाल बनाने का कार्य भी प्रारम्भ हो चुका है। इस आयोजन के लिए 120 फुट चौड़े, 120 फुट लम्बे, 40 फुट ऊँचे पंडाल को कोलकाता के कारीगार तैयार कर रहे हैं। इसे पर्यावरण के माडल का स्वरूप देने के लिए  देशी-विदेशी फलों से सजाया जाएगा । आगरा व मथुरा के विद्युत सजावट के कारीगर इस प्रकार की विद्युत सजावट करेंगे कि पूरा क्षेत्र शरद की धवल चांदनी में दूधियां रोशनी से जगमग होगा । मार्ग में तोरण व स्वागत द्वार बनाये जा रहे है तथा मार्ग को हरीतिमायुक्त करने का प्रयास हो रहा है पंडाल सजावट व साज-सज्जा की व्यवस्था प्रदीप अग्रवाल , मुकेश अग्रवाल , विशाल अग्रवाल, महेश बंसल एवं किशोर की निगरानी में हो रहा है ।

      अग्रवाल के अनुसार 10 अक्टूबर को ट्रस्ट के सदस्यगणों की अगुवाई में हजारों कृष्ण भक्त डोले के साथ गिर्राज जी की  सप्त कोसी दुग्धधारा परिक्रमा लगायेगें । 11 अक्टूबर को प्रातः गिर्राज महाराज का महाभिषेक प्रातः 9 बजे सवा मन दूध, दही, घी, बूरा, शहद, केशर, जड़ी बूटियों ,गुलाब जल एवं यमुनोत्री से मँगायें गये यमुना जल से वैदिक रीति से होगा । 11 एवं 12 अक्टूबर को  धार्मिक एवं सांस्कृतिक संध्या होगी इसकी व्यवस्था मोन्टू,गणेश वाष्र्णेय, विशाल बंसल, विजय माहेश्वरी एवं  विजय शोरा वाले  देखेंगे ।

        उन्होंने बताया कि 12 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से रात्रि 12 बजे तक  श्री राधा व्रज वसुन्धरा में अद्वितीय छप्पन भोग के दर्शन होंगे एवं साधु व ब्राह्मण सेवा की जायेगी तथा भजन सध्या का भी आयोजन होगा।

सं प्रदीप

वार्ता

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