कोलकाता, 13 जून (वार्ता) पश्चिम बंगाल में एक जूनियर डॉक्टर से बुरी तरह मारपीट के बाद तीन दिन से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की तथा दोषियों की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी कराने की मांग की है।
इस बीच, रिपोर्ट मिली है कि एसएसकेएम अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारी भी डॉक्टराें के आंदोलन में शामिल हो गये हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का चार घंटे का अल्टीमेटम मिलने के बाद जूनियर डॉक्टरों का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज अपराह्न श्री त्रिपाठी से मिला तथरा उनसे हस्तक्षेप की अपील की। उन्हाेंने राज्यपाल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उनकी मांगें स्वीकार कर लिये जाने के तुरंत बाद वे ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार हैं।
प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने कहा, “ हम चाहते हैं कि सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी के दौरान सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात रहें और जो लोग डॉक्टरों के साथ मारपीट करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। हम चाहते हैं कि दोषियों की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया जाये।”
प्रतिनिधिमंडल के एक प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सुश्री बनर्जी ने एसएसकेएम अस्पताल के अपने दौरे के दौरान मामले पर सहानुभूति जताने की बजाय हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों को बाहरी बताया और उन पर अनिवार्य सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत कार्रवाई करने की धमकी दी। उन्हाेंने बताया कि श्री त्रिपाठी ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए आज चार दलों की बैठक बुलायी है और डॉक्टरों की हड़ताल का मुद्दा भी उठाया जा सकता है।
इस बीच, एनआरएस मेडिकल कॉलज एवं अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों की पिटाई में गंभीर स्प से घायल जूनियर डॉक्टर की आज सफल सर्जरी की गयी और अब वह खतरे से बाहर है।