नयी दिल्ली, 25 मार्च (वार्ता) भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत के पूर्व विकेटकीपर सबा करीम के महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) के पद से इस्तीफा देने के बाद बोर्ड के महाप्रबंधक (खेल विकास) पद के लिए आवेदन आमंत्रित किये हैं।
बीसीसीआई के अनुसार आवेदन देने की अंतिम तिथि सात अगस्त शाम छह बजे तक है। बीसीसीआई आवेदनों की जांच करने के बाद उम्मीदवार चुन लेता है तो आवेदकों को निजी साक्षात्कार के लिए मुंबई बुलाया जाएगा या फिर उनका वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये साक्षात्कार लिया जाएगा।
सौरभ गांगुली के नेतृत्व में बीसीसीआई का नया प्रशासन आने के बाद से करीम चौथे वरिष्ठ अधिकारी थे जिन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया। इस महीने के शुरू में बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। बोर्ड के मुख्य वित्तीय अधिकारी संतोष रंगनेकर और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के मुख्य संचालन अधिकारी तूफ़ान घोष अपने पदों से इस्तीफ़ा दे चुके हैं।
बीसीसीआई ने केवल सबा करीम के उत्तराधिकारी के लिए आवेदन आमंत्रित किये हैं और अन्य तीन पदों के लिए उसने आवेदन नहीं मांगे हैं। वर्तमान में हेमांग अमीन सीईओ का कार्यभार संभाल रहे हैं और इसके साथ ही वह अंतरिम आधार पर आईपीएल सीओओ का पदभार भी संभाल रहे हैं।
करीम को दिसंबर 2017 में क्रिकेट संचालन के प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया था। करीम की जिम्मेदारियों में क्रिकेट विभाग को रणनीतिक दिशा प्रदान करना शामिल था।इसके अलावा करीम राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम के संचालन प्रभारी भी थे। करीम ने जब अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था तब ऐसी खबर थी कि बीसीसीआई ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया है। लेकिन अब आवेदन मांगने के बाद स्पष्ट हो गया है कि बीसीसीआई ने करीम का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है।
करीम ने एमवी श्रीधर की जगह ली थी जिन्होंने उस साल सितम्बर में अपना पद छोड़ दिया था। करीम ने दूसरी बार बीसीसीआई में काम किया था। वह संदीप पाटिल की अगुवाई वाली राष्ट्रीय चयन समिति का हिस्सा रहे थे। बीसीसीआई की सर्वोच्च परिषद की पिछले सप्ताह शुक्रवार को बैठक हुई थी जिसमें बोर्ड में नए अधिकारियों की नियुक्ति पर चर्चा होनी थी। इस वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता बोर्ड अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने की थी। करीम को इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था।
इस बीच बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह के भविष्य पर भी आशंका के बादल मंडरा रहे हैं। बीसीसीआई के संविधान में संशोधन मामले पर उच्चतम न्यायालय संभवतः 17 अगस्त को सुनवाई करेगा जिसमें गांगुली और शाह का भविष्य तय होगा।
गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष के रुप में कार्यकाल इस महीने के अंत में खत्म हो रहा है और नियमानुसार वह आगे इस पद पर बने नहीं रह सकते हैं। शाह का सचिव पद पर कार्यकाल समाप्त हो चुका है लेकिन वह पद पर बने हुए हैं। बीसीसीआई ने 2025 तक क्रमशः अध्यक्ष और सचिव के रूप में गांगुली और शाह के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की है।
बीसीसीआई ने गत 21 अप्रैल अपनी पहली वार्षिक आम बैठक में संविधान में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा था। संशोधन में बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव पद के कार्यकाल में बदलाव भी शामिल था। लोढा समिति के अनुसार कोई भी व्यक्ति लगातार दो कार्यकाल पूरा करने के बाद तीन साल का कूलिंग पीरियड पूरा किए बिना पद पर नहीं रह सकता है। गांगुली और शाह इस नियम के दायरे में आ रहे हैं।
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