श्रीनगर, 23 दिसंबर (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर हमला बोलते हुए बुधवार को कहा कि जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद प्रदेश में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने की संभावना बेहद कम है।
जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए डीडीसी चुनाव में पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने 288 में से 112 सीटें जीती हैं जबकि भाजपा को 74 सीटें मिली हैं।
श्री अब्दुल्ला ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि भाजपा वास्तव में विश्वास करती है कि इस चुनाव के साथ लोकतंत्र की जीत हुई है तो उसे स्वीकार करना चाहिए कि घाटी के लोगों ने पीएजीडी के पक्ष में मतदान कर पांच अगस्त 2019 के केन्द्र के फैसले को नकार दिया है।
एनसी उपाध्यक्ष ने कहा कि यह भाजपा नेताओं के दुष्प्रचार को दर्शाता है जिसमें कल तक वे घाटी में सर्वाधिक सीटें जीतने का दावा कर रहे थे और आज वे सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा कर रहे हैं। भाजपा को एनसी से तुलना करने को लेकर भी शर्म करनी चाहिए क्योंकि एनसी ने भाजपा की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ा था।
श्री अब्दुल्ला ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “ इस हार के साथ, मुझे नहीं लगता कि केन्द्र सरकार जल्द जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव आयोजित करेगी। अब तक उन्हें विधानसभा चुनाव की घोषणा कर देनी चाहिए थी।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “ भाजपा पीएजीडी की जीत को पचा नहीं पा रही है, इसलिए अब वो कह रहे हैं कि लाेकतंत्र की जीत हुई है। यदि चुनाव परिणाम उनके पक्ष में रहा होता तो इस समय वो इमारतों पर खड़े होकर चिल्ला रहे होते कि राष्ट्र-विरोधियों तथा पाकिस्तान समर्थकों की हार हुई है। लेकिन अब वो हार चुके हैं इसलिए कह रहे हैं कि लोकतंत्र की जीत हुई है। हम भी कह रहे हैं कि लाेकतंत्र की जीत हुई है। हम हमेशा से ही जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का समर्थन करते आये हैं।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएजीडी अलायंस पहले दिन से ही कहता आया है कि वह भारत के संविधान के दायरे में ही लोगों के लाेकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करेगा और उसके लिए लड़ाई लड़ेगा।
श्री अब्दुल्ला ने कहा, “ हम यहां माहौल खराब करने नहीं आये हैं। हम यहां माहौल को अनुकूल बनाने आये हैं। लेकिन यदि भाजपा वास्तव में विश्वास करती है कि इस चुनाव के साथ लोकतंत्र की जीत हुई है तो उसे लोगों की आवाज सुननी चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि घाटी के लोगों ने पीएजीडी के पक्ष में मतदान कर पांच अगस्त 2019 के केन्द्र के फैसले को नकार दिया है। ”
रवि जितेन्द्र
वार्ता