Friday, Apr 26 2024 | Time 05:26 Hrs(IST)
image
लोकरुचि


औरंगजेब को यहां जान बचा कर भागना पड़ा था

औरंगजेब को यहां जान बचा कर भागना पड़ा था

भदोही, 02 मई (वार्ता ) उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में स्थित महादेव का एक ऐसा अलौकिक मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां मुगल आक्रांता औरंगजेब के भी छक्के छूट गए थे और भयभीत मुगल शासक को यहां से जान बचाकर भागना पड़ा था।

जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर काशी-प्रयाग के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग के जंगीगंज रमनाडीह खास स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर आज भी मुगल आक्रांता औरंगजेब की कट्टरता व आतंक का गवाह बना हुआ है। जहां मुगल शासक की सेना ने मंदिर को तहस-नहस करते हुए अंदर स्थापित शिवलिंग को खंडित करने का प्रयास किया।

दंत कथाओं पर यकीन करें तो शिव मंदिर पर आक्रमण के दौरान भयंकर प्राकृतिक आपदाएं जैसे आंधी, तूफान व भूकंप की घटनाएं घटित हुई। अचानक आई दैवीय आपदा से भयभीत औरंगजेब की सेना किसी तरह जान बचाकर भागने पर मजबूर हुई। मुगल आक्रांता के कहर के निशान आज भी भूत भावन भगवान शिव के लिंग पर स्पष्ट देखने को मिलते हैं।

मान्यता है कि सदियों से भगवान शिव का यह ऐतिहासिक मंदिर तमाम तरह की प्राकृतिक आपदाओं व झंझावतों को झेलते हुए खुद के अस्तित्व की लड़ाई से जूसता रहा। औढ़रदानी भगवान शिव की प्रेरणा से क्षतिग्रस्त मंदिर व खंडित शिवलिंग के प्रति लोगों की आस्था जागृत हुई, जिसका परिणाम रहा कि शिव भक्तों के सहयोग से पीतल जड़ित शिवलिंग की स्थापना के साथ ही मंदिर में भगवान कार्तिकेय व नंदी के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की गई।

शिवभक्त इंजीनियर जनार्दन सिंह व शासकीय अधिवक्ता हुकुम सिंह की अगुवाई में स्थानीय लोगों के सहयोग से राजस्थान के विशिष्ट राजगीरों द्वारा भव्य मंदिर बनवाकर उसे अलौकिक रूप दिया जा रहा है। ऐतिहासिक मंदिर में स्थापित शिवलिंग क्षेत्रीय लोगों की आस्था का केंद्र बिंदु बना हुआ है, जहां सप्ताह के हर सोमवार को भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के साथ दर्शन पूजन कर इच्छित कामनाओं की पूर्ति करते हैं।

सं प्रदीप

वार्ता

image