ऑटोवर्ल्ड » इंडस्ट्री अपडेटPosted at: Aug 30 2017 9:36PM ऑटोमोबाइल पर उपकर बढ़ाने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण: सियाम
नयी दिल्ली 30 अगस्त (वार्ता) वाहन निर्माता कंपनियों के शीर्ष संगठन सोसायटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) ने महंगी यात्री वाहनों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राज्यों को क्षतिपूर्ति उपकर को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के लिए इससे जुड़े कानून को संशोधित करते हुये अध्यादेश लाने के सरकार के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। सियाम ने यहां जारी बयान में कहा कि सरकार के इस कदम से कई तरह के वाहनों पर उपकर में बढोतरी हो जायेगी। अध्यादेश तो सिर्फ जीएसटी परिषद को उपकर बढ़ाने का अधिकार देना है जबकि सरकार की कई तरह के वाहनों पर कर में बढोतरी करने की है। उसने कहा कि इससे कई वाहनों की कीमतें जीएसटी से पहले की तुलना से भी अधिक हो जायेगी तथा इसका विक्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। संगठन ने कहा कि यह सरकार के उस रूख के विपरीत है जिसमें उसने ऑटोमोबाइल उद्योग को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उदयमान क्षेत्र के रूप में पहचान की है जबकि दूसरी ओर इस क्षेत्र को डीमैरिट उत्पाद की तरह देख रही है। सियाम का मानना है कि जीएसटी से पूर्व जिन वाहनों पर 24 प्रतिशत या 27 प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगता था अब जीएसटी में उस पर अधिक कर लगेगा क्योंकि इस निर्णय से ऐसा ही होने जा रहा है। कुछ मामलों में तो 10 फीसदी तक कुल कर में बढोतरी हो रही है। इसके मद्देनजर सियाम ने जीएसटी परिषद और सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने और जीएसटी से पूर्व बहुत अधिक कर के बोझ से दबे इस उद्योग को राहत देने की अपील की है। शेखर वार्ता