बदायूं 02 दिसंबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश की बदायूं पुलिस ने पिछले 24 नवंबर को हुये कार हादसे को लेकर ‘गूगल मैप’ को कारण बताओ नोटिस दिया है। गूगल मैप की लापरवाही से हुए हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई थी।
फर्रुखाबाद निवासी नितिन, अजीत और अमित 24 नवंबर को तड़के गूगल मैप की मदद से कार से फरीदपुर (बरेली) जा रहे थे। मुड़ा गांव के पास रामगंगा पर अधूरा पुल होने से रास्ता बंद था, इसके बावजूद मैप पर सुचारू दिखा रहा था। तीनों युवकों ने रामगंगा नदी पर अधूरे पुल पर कार चढ़ा दी और पुल अधूरा होने पर कार पुल से नीचे गिर गयी, जिसमें तीन युवकों की जान चली गई। इस घटना ने गूगल मैप की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसे के बाद बदायूं पुलिस ने गूगल के अधिकारियों नोटिस भेज कर सवाल पूछा है कि बंद रास्ता मैप पर सुचारू कैसे दिखाया गया। पुलिस ने गूगल मैप के गुरुग्राम स्थित ऑफिस को ईमेल कर नोटिस भेजा है और जवाब देने के लिये सात दिन का समय दिया है।
गूगल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी के स्थानीय प्रतिनिधि का पता लगाना पुलिस के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। पुलिस गूगल के क्षेत्रीय अधिकारी की तलाश में एक सप्ताह से उलझी रही। पुलिस को गूगल के अधिकारियों का नाम,पता नहीं मिला, जिसके कारण विवेचक सब इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने गूगल के गुरुग्राम स्थित कार्यालय की ईमेल आइडी पर नोटिस भेजा है।
इस प्रकरण में चार अभियंताओं के विरुद्ध प्राथमिकी में उल्लेख है कि गूगल मैप पर रास्ते की गलत जानकारी दी गई, इसलिए उसके क्षेत्रीय अधिकारी भी जिम्मेदार हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह ने बताया है कि गूगल मैप पर दिखाए गए गलत रास्ते के कारण यह हादसा हुआ। हमने गूगल से जवाब मांगा है कि बंद रास्ता सुचारू क्यों दिखाया गया। गूगल से सात दिनों में जवाब देने को कहा है।जबाब मिलने के बाद अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाएगी ।
उल्लेखनीय है कि इस घटना में चार लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। साथ ही, गूगल मैप की इस चूक के लिए भी जवाबदेही तय करने की बात कही जा रही हैl
सं प्रदीप
वार्ता