खेलPosted at: Aug 19 2018 10:16PM बजरंग ने भारत को दिलाया पहला स्वर्ण
जकार्ता, 19 अगस्त (वार्ता) भारत के पहलवान बजरंग पूनिया ने अपने नाम के अनुरूप करिश्माई प्रदर्शन करते हुये 18वें एशियाई खेलों में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिला दिया। बजरंग ने कुश्ती मुकाबलों के 65 किग्रा फ्री स्टाइल वजन वर्ग के फाइनल में जापान के दाइची ताकातानी को 11-8 से पराजित कर एशियाई खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीत लिया।
बजरंग ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया और अपने रास्ते के सभी पहलवानों को धूल चटाते हुये खिताब अपने नाम किया। बजरंग ने चार साल पहले इंचियोन एशियाई खेलों में 61 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता था और इस बार उन्होंने 65 किग्रा वर्ग में उतरकर देश को सोना दिलाया।
फाइनल में बजरंग को जापानी पहलवान ने कड़ी टक्कर दी लेकिन बजरंग ने निर्णायक मौकों पर अद्भुत प्रदर्शन किया और भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गयी। बजरंग के स्वर्ण जीतते ही इंडोनेशिया में तिरंगा लहरा उठा। बजरंग के गुरु योगेश्वर दत्त ने 2014 के पिछले इंचियोन एशियाई खेलों में 65 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था और अब बजरंग ने योगेश्वर की उपलब्धि को दाेहरा दिया।
भारत के पांच फ्री स्टाइल पहलवान पहले दिन 57, 65, 74, 86 और 97 किग्रा वजन वर्ग में उतरे जिनमें बजरंग ने स्वर्ण जीता जबकि पवन कुमार 86 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक मुकाबले में हार गए। इन पहलवानों में सबसे बड़ी निराशा दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार का 74 किग्रा में क्वालिफिकेशन में हारना रहा। सुशील को क्वालिफिकेशन में बहरीन के एडम बातीरोव ने 5-3 से हराया। बातीरोव फिर क्वार्टरफाइनल में जापान के पहलवान से हार गये जिससे सुशील का रेपचेज में कांस्य पदक के लिये जाने का सपना टूट गया।
बजरंग ने फाइनल में आक्रामक अंदाज में शुरुआत की और 70 सेकेंड में ही 6-0 की बढ़त बना ली। ताकातानी ने वापसी की कोशिश करते हुए बार बार बजरंग के पैरों पर अटैक किया और चार अंक लेकर पहले राउंड में स्कोर 6-4 कर दिया।
दूसरे राउंड में ताकातानी ने स्कोर 6-6 से बराबर कर दिया। बजरंग ने जापानी पहलवान की रणनीति को भांपते हुए उन्हें अपने पैरों से दूर रखा और चार अंक लेकर स्कोर 10-6 कर दिया। इसी हमले में जापानी पहलवान को भी दो अंक मिले और स्कोर 10-8 हो गया। अंतिम 30 सेकेंड बचे थे और बजरंग को अपनी बढ़त बचानी थी।
समय समाप्त हाेते ही भारतीय खेमा खुशी से उछल पड़ा जबकि जापानी खेमे ने विरोध दर्ज कराया लेकिन उसे एक अंक का नुकसान उठाना पड़ा। बजरंग ने 11-8 के स्कोर से स्वर्ण पदक जीत लिया।