जयपुर, 27 फरवरी (वार्ता) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि युवा औद्योगिक और व्यापारिक प्रबंधन के गुर सीखने के साथ अपने में जीवन प्रबंधन के गुणों का भी विकास करें, तभी वे एक सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में स्वयं को साबित कर पाएंगे।
श्री मिश्र आज यहां राजभवन से भारतीय प्रबन्ध संस्थान जम्मू द्वारा आयोजित दो दिवसीय लीडरशिप समिट के समापन के अवसर पर ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवाओं में भरपूर साहस, शक्ति और ऊर्जा होती है, जिसका सुनियोजित प्रबंधन जरूरी है।
उन्होंने भगवद्गीता को जीवन प्रबंधन का महान ग्रन्थ बताते हुए कहा कि इसमें निष्काम कर्म के संदेश के साथ-साथ प्रबंधन का व्यावहारिक ज्ञान भी श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद में संजोया गया है। गीता की इस कसौटी पर रखकर प्रबंधन किया जाए तो उद्योगपति, श्रमिक तथा आम उपभोक्ता सभी के समान हित को सुनिश्चित किया जा सकता है।
श्री मिश्र ने विद्यार्थियों को अच्छे एवं प्रभावी नेतृत्व गुण विकसित करने पर जोर देते हुए कहा कि नेतृत्व के लिए पहल करना, पहल के लिए अपने आप पर विश्वास होना और विश्वास के लिए अपने कार्य में श्रद्धा होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि श्रद्धावान व्यक्ति ही अपने विवेक का देश और समाज के हित में सही उपयोग कर सकता है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर के शाषी मंडल के अध्यक्ष डॉ. आर. पी. सिंह ने कहा कि सही नेतृत्वकर्ता को जोखिम लेने को तैयार रहना चाहिए और सामने रह कर अपनी टीम का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वही व्यक्ति सफल नेतृत्वकर्ता बनता है जो कोई भी वादा करे, उसे समय से पहले पूरा करे।
रामसिंह
वार्ता