लखनऊ, 26 मई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राज्य में सभी 4418 विद्युत उपकेंद्र को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिये उपभोक्ता सेवाओं में सुधार, तकनीकी का अधिक से अधिक उपयोग और मितव्ययिता पर काम करने की जरूरत है।
श्री शर्मा ने कहा कि सभी उपकेंद्र आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे तो उपभोक्ताओं के साथ ही कर्मचारियों का भी भला होगा। उन्होंने बताया कि उपकेंद्रों को लाइन हानियों के हिसाब से ग्रीन, ऑरेंज व रेड कटिगरी में बांटा गया है। 15 फीसदी से कम लाइन हानि पर ग्रीन, पिछले वर्ष डिस्कॉम की औसत लाइन हानि की सीमा तक ऑरेंज व उससे ऊपर लाइन हानि वाले उपकेंद्र को रेड कैटेगरी में रखा गया है। प्रदेश के सभी 4418 उपकेंद्रों को श्रेणीवार ग्रीन, ऑरेंज व रेड में बांटा गया है।
सुधार कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुये उन्होने कहा कि सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक इसकी स्वयं से समीक्षा करें। ढिलाई स्वीकार्य नहीं है। भविष्य में एमडी की भी जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को बिना असुविधा सभी सुविधाएं मिलें, यह सुनिश्चित कराया जा रहा है। उपकेंद्र पर जितनी बिजली जा रही है उतना राजस्व भी विभाग को मिले। इसके लिए सभी प्रकार की सहूलियतें दी जा रही हैं। सेवा और व्यवहार सही है तो उपभोक्ता बिजली घर तक चलकर बिल जमा करने आते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि अभी हम 15 प्रतिशत से कम लाइन लॉस वाले गांवों में भी 24 घंटे बिजली दे रहे हैं। शहरों में हम पहले से ही निर्बाध आपूर्ति दे रहे हैं, लाइन हानियां कम होंगी तो निश्चित रूप से उसका लाभ नीचे तक उपभोक्ता को जाएगा।
प्रदीप
वार्ता