नयी दिल्ली, 26 मार्च (वार्ता) तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के बुलाये गये 12 घंटे के भारत बंद असर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के इलाकों में सबसे अधिक देखने को मिला जबकि शेष राज्यों में इसका मिला-जुला असर रहा।
राजधानी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों के जमावड़े को देखते यातायात पुलिस ने सुबह बॉर्डर पर यातायात बंद कर दिया। यातायात पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 पर यातायात बंद है। इसके अलावा दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर पर भी वाहनों का जाम लगा रहा। किसानों ने एम्बुलेंस और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद का एलान किया था। कांग्रेस, वामदलों सहित कई विपक्षी दलों ने बंद का समर्थन किया है।
पंजाब तथा हरियाणा में किसान संगठनों के भारत बंद का आज व्यापक असर देखने को मिला यहां रेल तथा सड़क यातायात पर बुरी तरह प्रभावित रहा। दिल्ली से कटरा जाने वाली वंदे मातरम एक्सप्रेस को किसानों ने कई घंटों रोके रखा। हरियाणा तथा पंजाब के कई ट्रैकों पर धरना देने से रेल यातायात प्रभावित रहा तथा सड़क यातायात को भी बुरी तरह प्रभावित किया जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
चंडीगढ़ के निकट मोहाली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के समीप किसानों ने धरना दिया तथा डेराबस्सी में भी राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध किया। कड़ी सुरक्षा के बावजूद किसान यूनियनों के प्रदर्शनकारी रेल तथा रोड जाम करते रहे। पटियाला, समराला, संगरूर, फरीदकोट,फाजिल्का, लुधियाना, होशियारपुर सहित पूरे पंजाब में बंद का व्यापक असर रहा। भाकियू (एकता -उगराहां) ने माेगा जिले में पूरी तरह बंद रखा तथा राज्य में अनेक स्थानों पर रेल तथा सड़क मार्गों को अवरूद्ध किया।
भाकियू के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी ने बताया कि किसान यूनियनों ने 28 मार्च को काली होली मनाने का फैसला किया है और 27 मार्च से 31 मार्च तक किसान यूनियनें घेराव करेंगी तथा किला रायपुर के ड्राई पोर्ट को अवरूद्ध करेंगे तथा किला रायपुर की शुष्क बंदरगाह पर अडानी ग्रुप की किसी मालगाड़ी को आने नहीं दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि एफसीआई की किसान विरोधी नीतियों के विरोध में पांच अप्रैल को भारतीय खाद्य निगम के सभी गोदामों तथा भंडारणों का घेराव किया जायेगा।
होशियारपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान पर जिले में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। जिले में किसानों के समर्थन में सभी दुकानें, बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। किसान तथा मजदूर संगठनों ने राष्ट्रीय तथा राजमार्ग सहित अनेकों स्थानों पर सड़क जाम रखीं। उन्होंने ट्रकों ,ट्रैक्टर ,कार ,स्कूटर तक को नहीं जाने दिया और सड़क किनारे खड़ा करवा दिया।
किसानों ने नलोयिया चौक,सिंगरीवाला चाैक ,पुरहिरां बाईपास, सभी टोल प्लाजा तक बंद रखे। जालंधर में सुबह छह बजे किसान सड़कों के साथ ही रेलमार्ग पर बैठे हैं। अमृतसर में किसानों ने अर्धनग्न होकर रेलवे ट्रैक पर धरना दिया। भारत बंद को अलग-अलग संगठन और ट्रेड यूनियनों ने भी समर्थन दिया है। बंद के दौरान राज्य में सड़क और रेल यातायात प्रभावित रहने से लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले किसान यूनियनों ने विरोध करते हुए शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया है। पंजाब में किसानों के समूहों ने राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के साथ-साथ कुछ स्थानों पर रेलवे पटरियों के अलावा प्रमुख सड़कों पर धरना-प्रदर्शन या धरने शुरू कर दिए।
पंजाब में हजारों किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं ने 150 से ज्यादा स्थानों पर ट्रेनों और सड़कों को अवरुद्ध किया। इनमें अमृतसर जिले में जी टी रोड गोल्डन गेट, वल्ला सब्जी मंडी रेल गेट सहित 87 स्थानों पर, तरनतारन में रेल और सड़क मार्ग से 32 स्थान, 18 स्थानों पर गुरदासपुर, 15 स्थानों पर फिरोजपुर, दो स्थानों पर होशियारपुर, पांच स्थानों पर कपूरथला, पांच स्थानों पर जालंधर, दो स्थानों पर मोगा, एक स्थान पर फाजिल्का, एक स्थान पर मुक्तसर और एक जगह पर फरीदकोट शामिल है। कुल मिला कर राज्य में बंद के दौरान कहीं से किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है।
टीम राम
जारी.वार्ता