भोपाल, 02 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में प्रस्तावित भोपाल-इंदौर सिक्स लेन हरित एक्सप्रेस-वे के संबंध में चर्चा करते हुए कहा है कि भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे एक प्रमुख सड़क के रूप में विकसित होगा। इसका निर्माण नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) या राज्य सरकार किसी के द्वारा भी करवाया जा सकता है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि श्री कमलनाथ कल नई दिल्ली में केन्द्रीय भूतल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी से उनके निवास पर मुलाकात कर राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे एक आदर्श राजमार्ग बनेगा, जिसके दोनों तरफ लॉजिस्टिक पार्क, लॉजिस्टिक हब, स्मार्ट सिटी और आईटी पार्क विकसित किये जायेंगे। इसके निर्माण से लोगों को भोपाल-इंदौर-भोपाल आवागमन में काफी सहूलियत होगी और वाणिज्यिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।
श्री कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी से प्रदेश के लिए वर्ष 2019-20 की वार्षिक कार्य योजना में राष्ट्रीय राजमार्गों के 232 किलोमीटर के हिस्से का उन्नयन करने के लिए 1271 करोड़ की मांग की। इसके साथ ही सी.आर.एफ. के तहत 363.78 करोड़ की अदायगी और वर्ष 2019-20 के लिए 1131 करोड़ के नये कार्यों की स्वीकृति के प्रस्ताव रखे। साथ ही वर्ष 2019-20 के लिए प्रदेश के 116 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों में समय-समय पर नवीनीकरण के लिए 25 करोड़ की मांग रखी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शहरों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन के लिए एक बार निवेश योजना के अंतर्गत 205 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सिद्धांतत: तय राष्ट्रीय राजमार्ग के रख-रखाव की राशि राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा ही वहन की जानी चाहिए। उन्होंने वर्ष 2019-20 के लिए आईआरक्यूपी (सवारी की गुणवत्ता कार्यक्रम में सुधार योजना) के सुद्दढ़ीकरण के अनुमोदन और योजना के राष्ट्रीय राजमार्गों के 363 किलोमीटर के लिए 153 करोड़ की योजना को केन्द्र से स्वीकृति दिये जाने की माँग की।
उन्होंने मध्यप्रदेश के भोपाल इंदौर सिक्स लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की डीपीआर तैयार कराने की सेवाओं के लिए 5.38 करोड़ की राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया और आरओडब्ल्यू (पंक्तियों) की सीमा 75 से घटाकर 70 करने की जरूरत बतायी। उन्होंने सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग 75 के कार्य की प्रगति बीओटी मोड में जरूरत से ज्यादा धीमी होने पर चिंता जताते हुए चालू बीओटी को समाप्त करते हुए और दूसरी कम्पनी को देने के साथ-साथ उसके रखरखाव के लिए 2.35 करोड़ रुपये की मांग की।
मुख्यमंत्री ने बरेला-मंडला राष्ट्रीय राजमार्ग 12-ए में भी ई.पी.एस. मोड में कार्यों की प्रगति अत्यधिक धीमी होने पर चिंता व्यक्त की। श्री कमलनाथ ने इस करार को समाप्त कर अधूरे कार्य और उनके रख-रखाव को पूरा करने के लिए 6.28 करोड़ की माँग की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से माँग की कि मध्यप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित तीन परियोजनाओं को ईपीसी के माध्यम से टोल फ्री अधिसूचना का प्रकाशन शीघ्र कराया जाए।
इस मौके पर मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, प्रमुख सचिव लोक निर्माण मलय श्रीवास्तव सहित सड़क परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बघेल
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