वारणसी, 30 दिसंबर (वार्ता) काशी हिंदू विश्वविद्याल (बीएचयू) के सर सुंदरलाल अस्पताल (एसएसएच) एवं ट्रॉमा सेंटर में भर्ती मरीजों को पहली जनवरी 2020 से उनकी जरूरत के मुताबिक रक्त नि:शुल्क दिया जाएगा।
चिकित्सा अधीक्षक डॅा0 एस0 के0 माथुर ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि नि:शुल्क रक्त सुविधा केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नेशनल हेल्थ मिशन की मदद से बीएचयू उपलब्ध करायगी। मरीजों को 31 दिसंबर रात 12 बजे के बाद से ही पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा पड़ोसी राज्य बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा अलावा पड़ोसी देश नेपाल से यहां इलाज के लिए आने वाले हजारों मरीजों मिलना शुरु हो जाएगा। इस नि:शुल्क सुविधा पर प्रति माह करीब 22 लाख रुपये खर्च आने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि अस्पताल द्वारा रक्त, फ्रेश फ्रोजेन प्लाजमा एवं रैंडम डोनर प्लेटलेट्स का प्रोसेसिंग शुल्क लिया जाता है। गरीबी रेखा से नीचे के मरीजों को छोड़कर बाकी श्रेणियों के मरीजों को होल रक्त (पी0आर0बी0सी0) के लिए 850 रुपये एवं फ्रेश फ्रोजेन प्लाजमा तथा रैंडम डोनर प्लेटलेट्स के लिए प्रोसेसिंग के लिए 400 रुपये शुल्क देने पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल के रक्त कोष पर सालाना करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च आता है, जिसका कुछ भाग रक्त प्रोसेसिंग शुल्क के तौर पर आता है।
डॉ0 माथुर ने बताया कि कई मरीजों को ऑपरेशन की स्थिति में आठ से दस यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है। इस हिसाब से देखें तो नि:शुल्क रक्त सेवा से एक मरीज को इलाज के दौरान करीब साढ़े आठ हजार रुपये या उससे अधिक की बचत हो सकती है। फिलहाल यह सुविधा सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों समेत कुछ अन्य श्रेणी के मरीजों को उपलब्ध हो पाती है। अस्पताल की ओर से करीब 5500 रक्त यूनिट नि:शुल्क थैलिसिमिया, हीमोफीलिया, एड्स, लावारिस, कैदी एवं गरीबी रेखा के नीचे के मरीजों के दिये जाते हैं।
उन्होंने बताया कि अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों के लिए फिलहाल प्रति दिन करीब 3000 यूनिट रक्त की जरूत पड़ती है, लेकिन यहां निर्माणाधीन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के शुरु होने के बाद मांग सकती है।
डॉ0 माथुर ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन करीब 7000 मरीज आते हैं। इनमें सबसे अधिक पूर्वी उत्तर प्रदेश और उसके बाद संख्या के हिसाब से क्रमश: बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड और नेपाल से आते हैं।
बीरेंद्र भंडारी
वार्ता