पटना, 03 जून (वार्ता) क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सचिव आदित्य वर्मा ने बुधवार को कहा कि बिहार क्रिकेट संघ के अहम की लड़ाई में कहीं ऐसा ना हो कि बिहार क्रिकेट संघ की सदस्यता खतरे में पड़ जाए।
आदित्य ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ऐसा भी हो सकता है। आदित्य ने कहा, “मैं जो भी बयान दे रहा हूं इसका मकसद बिहार क्रिकेट के हित से जुड़ा हुआ है और क्या एक क्रिकेट प्रशंसक होने के नाते मैं जान सकता हूं कि बीसीए के सचिव को कौन सी गलती के कारण बिना कारण बताये निलंबित कर दिया गया था। मैं तो केवल इसे अहम की लड़ाई मानता हूं।”
उन्होंने कहा, “यह भी सच है कि बीसीए सचिव के रोल से बिहार क्रिकेट के अंदर एक रोष व्याप्त था। फिर भी बहुत सारी गलतफहमियों को दूर कर सुधार किया जा सकता था। मैंने जब-जब अध्यक्ष से बात या मुलाकात की तो उनसे बिहार क्रिकेट के हित के लिए काम करने को कहा। ”
आदित्य ने कहा, “ नैतिकता का तकाजा है कि बिहार क्रिकेट के हित के लिए बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष चुने गए सचिव को अपनी गलती मानते हुए बिहार क्रिकेट की भलाई के लिए अविलम्ब निष्कासन से मुक्त कर दें। आपके द्वारा निलंबित संजय कुमार को बीसीसीआई आपके पत्र भेजने के बाद भी बिहार क्रिकेट संघ का सचिव मान रहा है। सारी परिस्थितियों पर अपने जिला संघ के अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद सीएबी ने यह निर्णय लिया है कि चाहे आगे चल कर कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े, बीसीसीआई का जो भी निर्णय बिहार क्रिकेट के वर्तमान स्वरूप पर होगा, सीएबी उसको अपना समर्थन देगा।”
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