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कोरोना महामारी में बिहार के आपदा मंत्री लापता, बढ़ी अफसरशाही : प्रेमचंद्र

कोरोना महामारी में बिहार के आपदा मंत्री लापता, बढ़ी अफसरशाही : प्रेमचंद्र

पटना, 19 मई (वार्ता) बिहार विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने कोरोना महामारी में बचाव एवं राहत कार्यों की लगातार हो रही बैठकों में आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की लगातार अनुपस्थिति को नीतीश सरकार में अधिकारियों का बढ़ता दखल करार दिया और कहा कि इस आपदा में आम लोगों की कठिनाइयों को अधिकारी की अपेक्षा जनप्रतिनिधि बेहतर ढंग से दूर कर सकते हैं।

श्री मिश्रा ने मंगलवार को कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण आपदा प्रबंधन, श्रम संसाधन एवं स्वास्थ्य विभाग के मंत्रियों की नगण्य भूमिका खासकर आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय के लापता रहने पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे बढ़ती अफसरशाही का नतीजा बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि क्या वजह है कि आपदा-महामारी की इस घड़ी में पिछले 50 दिनों से आपदा प्रबंधन मंत्री कहीं किसी बैठकों में या विभाग से जुड़े गतिविधियों में ना तो दिखाई पड़ रहे हैं और ना ही उनका कोई बयान आ रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि कमोबेश यही हाल श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा का है, जिन्होंने यहां तक कह दिया कि उन्हें किसी बैठक में नहीं बुलाया जाता है जबकि लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक बिहार आ रहे हैं और उन्हें कुछ पता ही नहीं चलता है कि उनका विभाग क्या कर रहा है। इसी तरह स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी कभी-कभी बयान देकर सरकार में अपनी उपेक्षा को ढंकने तथा मंत्री होने का आभास जरूर कराते रहते हैं।

श्री मिश्रा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान राज्य में आपदा प्रबंधन, श्रम संसाधन और स्वास्थ्य विभाग का दायित्व सर्वाधिक है और विभागीय मंत्रियों की भूमिका गौण कर अधिकारियों को प्रमुखता दे दी गयी है। लेकिन, कांग्रेस की नजर में आम लोगों की कठिनाइयों को किसी अधिकारी की बजाए जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बेहतर ढंग से दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन केंद्रों, प्रवासियों, श्रमिकों, स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बदहाली बढ़ती ही जा रही है और रोज अधिकारी घिसा-पिटा बयान देकर विफलताओं को ढंकने की कोशिश करते रहते हैं।

विधान पार्षद ने कहा कि मुख्यमंत्री को अधिकार है कि वे अपने मंत्रियों के बजाय अधिकारियों की सुनें लेकिन लोकतंत्र में मंत्रियों को महत्वहीन ही बना कर रखना था तो इन लोगों को मंत्री क्याें बनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आपदा प्रबंधन, श्रम संसाधन और स्वास्थ्य विभाग के मंत्रियों के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए उन्हें सलाह देती है कि ऐसी हालत में उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए, नहीं तो विफलताओं की जिम्मेवारी उनकी ही होगी।

सूरज सतीश

वार्ता

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