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राज्य » बिहार / झारखण्ड


भाकपा-माले के महासचिव ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) जैसे जो कानून बने थे, आज उसे पूरी तरह खत्म किया जा रहा है। आदिवासियों को जमीन से उजाड़ा जा रहा है। खाद्य सुरक्षा कानून का मजाक उड़ गया है। उन्होंने कहा कि राशन को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है और इसलिए लोग आज भूख से मर रहे हैं। पूरे देश में 60-70 लोग भूख से मर गए।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि देश के साथ जो यह हादसा हुआ है, उससे देश को उबारना होगा। आज देश की आजादी, संविधान के साथ जो हादसा हुआ है वह कोई सामान्य बात नहीं है। यह सरकार सबकुछ खत्म करना चाहती है, इसलिए पहले इस सरकार को ही खत्म करना होगा। इसके लिए मजदूर-किसानों, आशाकर्मियों, आंगनबाड़ियों, सफाईकर्मी, मेहनतकशों की बड़ी एकता का निर्माण करना होगा। उन्होंने कहा, “हमने सोचा था कि देश में धर्म, जाति एवं नफरत को खत्म करके भाईचारा वाला समाज बनेगा लेकिन मोदी सरकार आज उस ताने-बाने को नष्ट कर देना चाहती है।
सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने खेत मजदूरों एवं किसानों के आंदोलनों की एकता पर बल दिया और कहा कि 29-30 नवंबर को अपने सवालों पर दिल्ली जा रहे हैं और सरकार को झुकाने का काम करेंगे। सभा को माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, विधायक सुदामा प्रसाद, विधायक सत्यदेव राम, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ (ऐपवा) की महासचिव मीना तिवारी, राज्य सचिव शशि यादव, जहानाबाद की लोकप्रिय महिला नेता कुंती देवी और महानंद ने संबोधित किया।
सूरज उमेश
वार्ता
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