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राज्य » बिहार / झारखण्ड


श्री कुमार ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने एवं उनमें चेतना जागृत करने के लिए उन्होंने विश्व बैंक से कर्ज लेकर बिहार के छह-सात जिले के 44 प्रखंडों में जीविका योजना की शुरुआत की, जिसको बाद में पूरे बिहार में लागू किया। आज सवा आठ लाख जीविका समूहों का गठन हो गया है और उनका लक्ष्य 10 लाख जीविका समूह गठित करने का है। उन्होंने बताया कि जीविका समूह से अबतक 90 लाख से ज्यादा परिवार जुड़ चुके हैं। अब महिलाएं पढ़े-लिखे लोगों से भी ज्यादा बैंकिंग व्यवस्था को समझने लगी हैं और पूर्णिया में तो बहुत ही अच्छे ढंग से जनवितरण प्रणाली की दुकानें चलाकर जीविका दीदियां समय पर लोगों को राशन उपलब्ध कराने के साथ प्रतिमाह छह हजार रुपये का मुनाफा भी कमा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बिहार पहला राज्य है जहां पंचायत और नगर निकाय चुनाव में उनके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया, जिसका नतीजा है कि आज 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं जीतकर लोगों की सेवा कर रही हैं। संविधान में महिलाओं के लिए कम से कम एक तिहाई आरक्षण देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि पहले महिलाएं शादी, पूजा, मेला जैसे विशेष अवसरों पर ही घर से बाहर निकलती थीं लेकिन अब सार्वजनिक समारोहों में भी बढ़-चढ़कर शामिल होने लगी हैं जिसको देखकर बेहद खुशी होती है।
श्री कुमार ने कहा कि महिलाओं की मांग पर ही राज्य में शराबबंदी लागू की गई इसलिए सभी को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद दो नम्बरी लोग पैसा कमाने के लालच में जहरीली शराब भी परोस सकते हैं इसलिए आप सभी मिलकर लोगों को समझायें और उन्हें जागरूक करें। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए सात सामाजिक पापों का जिक्र करते हुए कहा कि सिद्धांत के बिना राजनीति, काम के बिना धन, विवेक के बिना सुख, चरित्र के बिना ज्ञान, मानवता के बिना विज्ञान, नैतिकता के बिना विज्ञान और त्याग के बिना पूजा सामाजिक पाप हैं। इसे सभी विद्यालयों और सरकारी कार्यालयों में लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ लोगों पर भी इसका असर हो जाए तो समाज और देश बदल जायेगा।
सूरज उमेश
जारी (वार्ता)
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