झांसी 13 मई (वार्ता) उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में झांसी नगर निगम महापौर सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से उम्मीदवार के रूप में सामने आने बाद से ही परेशानियां झेल रहे बिहारी लाल आर्य पर जनता ने जमकर प्यार लुटाया जिसकी बदौलत उन्होंने 83548 मतों से ऐतिहासिक जीत हासिल की।
श्री आर्य को एक लाख 23 हजार 451 मत हासिल हुए जबकि उनके निकटतम प्रतिद्धंदी कांग्रेस के अरविंद श्रीवास को 39,903 मत हासिल हुए। तीसरे नंबर पर रहे बसपा के भगवान दास फुले को 21,570 तथा सपा उम्मीदवार सतीश जतारिया को 21,029, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार नरेश वार्म को 5621 मत मिले जबकि बुंदेलखंड क्रांति दल के शिवदयान को मात्र 1568 मतों से ही संतोष करना पडा। इस बार 2850 लोगों ने नोटा का बटन दबाया जो निवर्तमान नगर निगम प्रशासन की ओर उनका गुस्सा दिखाता है। बुंदेलखंड क्रांति दल के उम्मीदवार को तो नोटा से भी कम मत मिले।
भाजपा उम्मीदवार की आंधी का जोर कुछ ऐसा रहा कि जिसमें विरोधी तिनके की तरह उड़ गये और कांग्रेसी उम्मीदवार को छोड़कर बाकी सभी की जमानत तक जब्त हो गयी। यह उम्मीदवार कुल पड़े मतों का 16.66 प्रतिशत भी हासिल नहीं कर पाये। झांसी नगर निकाय चुनाव में दो लाख 16 हजार 153 मत पड़े । इस मतसंख्या को देखते हुए जमानत बचाने के लिए उम्मीदवारों को 35 हजार से कुछ अधिक मतों की दरकार थी लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार को छोड़कर बाकी सभी दलों के उम्मीदवार इस आंकडे से काफी अधिक पीछे रहे गये और सभी की जमानत भी जब्त हो गयी।
चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान तथा उसके बाद भी भाजपा के उम्मीदवार का झांसी के बाहर से होने का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में बड़ा मुद्दा बना रहा। श्री आर्य को लेकर पार्टी के भीतर से लगातार उठ रहे विरोध और उसके तहत अनमने तरीके से ही पार्टी नेताओं की ओर से हो रहे काम को देखते हुए श्री आर्य की जीत को लेकर तमाम तरह के कयासों का बाजार गर्म रहा।
मतदान के बाद तो एक रात मतगणना स्थल के स्ट्रॉन्ग रूम की बत्ती चले जाने पर श्री आर्य के गुस्से और खीज से भरा वीडियो वायरल होने के साथ ही इन कयासों ने और मजबूती पकड़ी कि भाजपा उम्मीदवार को खुद अपनी जीत पर भरोसा नहीं है और इसी के चलते इस तरह की बौखलाहल, उनके व्यक्तित्तव में नजर आ रही है और हार के डर से वह बौखला रहे हैं हालांकि बाद में भाजपा उम्मीदवार ने इस वाक्या को लेकर अपना स्पष्टीकरण दिया लेकिन गहमागहमी आखिरी क्षणों तक बनी रही। इस सारी गहमागहमी पर पूर्ण विराम आज सुबह से मतगणना के आगे बढ़ने के साथ ही आये रूझानों के बाद से लग गया और जैसे जैसे मतगणनाअंतिम चक्रों की ओर बढ़ी यह साफ होने लगा कि श्री आर्य एक बड़ी जीत हासिल करने जा रहे हैं लेकिन किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह जीत इतनी बड़ी होगी।
आखिरकार भाजपा उम्मीदवार बिहारी लाल आर्य ने पार्टी के भीतर और बाहर के सभी विरोधियों को चुनावी दंगल के हर मोर्चे पर पछाड़ते हुए प्रचंड जीत हासिल की।
सोनिया प्रदीप
वार्ता