भोपाल, 10 अक्टूबर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष राकेश सिंह ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है।
श्री सिंह ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात के बाद यहां राजभवन के बाहर मीडिया से चर्चा में कहा कि कानून व्यवस्था और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की है। राज्यपाल से अनुरोध किया गया है कि वे राज्य की कानून व्यवस्था में सुधार के लिए हस्तक्षेप कर राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश दें।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट हो गयी है। कल मंदसौर में दिनदहाड़े विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी युवराज सिंह की हत्या कर दी गयी। इसके पहले मंदसौर में ही नगर पालिका अध्यक्ष की हत्या की गयी थी। इसके अलावा इंदौर में हत्याएं हुयीं। कल ही एक कोच की हत्या इंदौर में की गयी। बच्चों के अपहरण के मामले भी सामने आए।
उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे हस्तक्षेप कर राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश दें, ताकि इस प्रदेश को 'अव्यवस्था के क्षेत्र' के रूप में तब्दील होने से बचाया जा सके।
राज्य में निकट भविष्य में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों के परिप्रेक्ष्य में श्री सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार राजनैतिक लाभ लेने के लिए अपने अनुसार नियम बना रही है। सरकार ने परिसीमन संबंधी नियम भी बदल दिया है। पहले परिसीमन चुनाव के छह माह पहले तक किया जा सकता था, लेकिन अब इस अवधि काे घटाकर दो माह कर दिया गया है। इस तरह अब सरकार अपने हिसाब से दो माह पहले भी परिसीमन कर सकेगी।
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में राज्य सरकार भोपाल नगर निगम को दो भागों में विखंडित कर रही है। भाजपा नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार चुनावों में अपने दल की जीत सुनिश्चित कराने के लिए ये सब कर रही है, लेकिन भाजपा इस संबंध में असलियत आम जनता को बताएगी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने महापौर और नगर पालिका के अध्यक्षों के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के राज्य सरकार के निर्णय के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। आगामी 18 से 20 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे और फिर राज्यपाल को भी वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष के अलावा भोपाल महापौर आलोक शर्मा, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता और प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर भी शामिल थे।
प्रशांत
वार्ता