राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 5 2019 6:06PM बंटे विपक्ष का लाभ उठाने की ताक में भाजपा
सहारनपुर, 5 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में सहारनपुर की गंगोह विधान सभा सीट पर 21 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्षी दलों के मतों के विभाजन के जरिये लाभ उठाने की जुगत में है।
मुस्लिम और दलित बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण गंगोह कभी भाजपा का गढ़ नहीं रहा। इस क्षेत्र पर दिग्गज गुर्जर नेता दिवंगत चौधरी यशपाल सिंह पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद और उनके मुखर विरोधी पूर्व केंद्रीय मंत्री रशीद मसूद का वर्चस्व रहा है। देश-प्रदेश में मोदी लहर के चलते भाजपा 2017 के चुनाव में यहां जीतने में सफल रही थी। कांग्रेस का दामन छोडकर आए विधायक प्रदीप चौधरी ने इलाके के दोनों सियासी वर्चस्ववादी खेमों रशीद मसूद और चैधरी यशपाल को धता बताते हुए सीट भाजपा की झोली में डाल दी थी।
कैराना के भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद हुए लोकसभा उप चुनाव में उनकी बेटी मृगांका सिंह को विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने पराजित कर दिया था। उससे सबक लेते हुए 2019 के लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने विधायक प्रदीप चैधरी पर दांव लगाया जो सही भी साबित हुआ हालांकि इस विधान सभा उप चुनाव में प्रदीप चौधरी अपनी पत्नी को टिकट चाहते थे लेकिन नेतृत्व ने उन्हें उपकृत नहीं किया।
भाजपा ने बंटे विपक्ष के कारण अपने जिला महामंत्री कीरत सिंह पंवार को उम्मीदवार बना दिया जबकि कई धाकड़ नेता मुकेश चौधरी, अभय चैधरी, मनीष चैहान, पूर्व विधायक मनोज चैधरी दावेदारी जता रहे थे पर पार्टी ने इन सभी दलबदलुओं के बजाए अपने निष्ठावान कार्यकर्ता पर भरोसा जताया।
सं प्रदीप
जारी वार्ता