राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Dec 4 2018 6:02PM कर्जदार कंपनियों को बकाए का एक मुश्त निपटारा करने मिला मौका
चंडीगढ़, 04 दिसंबर (वार्ता) पंजाब में बंद पड़े उद्योगों को पुनर्जीवन और उनके नवीनीकरण के लिए नई नीति को मंजूरी देकर कर्जदार कंपनियों और उद्यमियों को अपने बकाए का एकमुश्त निपटारा (ओ.टी.एस.) करने का मौका अवसर मिलेगा।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्याम सुन्दर अरोड़ा ने अाज यहां बताया कि राज्य सरकार ने उद्यमियों और कजऱ्दार कंपनियों को पी.एस.आई.डी.सी और पी.एफ.सी. के साथ अपने बकाए के निपटारे का अंतिम माैका देने के लिये एकमुश्त निपटारा नीति (ओ.टी.एस) को मंजूरी दे दी है।भुगतान न करने वाली कंपनियों के लिए एकमुश्त निपटारे का यह आखिऱी अवसर होगा।
श्री अरोड़ा ने बताया कि चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन के सुझावों और राज्य में उद्योग के पुनर्जीवन और पुर्नवास के प्रमोटरों के साथ विस्तृत विचार विमर्श के बाद एक मुश्त निपटारा नीति-2018 को स्वीकृत किया गया है।इस नीति के तहत उद्यमियों और कर्जदार कंपनियों को पंजाब राज्य उद्योग विकास निगम लिमिटेड (पी.एस.आई डी. सी) और पंजाब वित्त निगम (पी.एफ.सी) के साथ अपने बकाए के निपटारे के अंतर्गत क्रमवार 80-100 करोड़ और 7-10 करोड़ की वसूली प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि नई नीति से रुकी हुई औद्योगिक संपत्ति जारी करने के अलावा इन निगमों के साथ मुकद्मेबाज़ी में कमी लाने में भी मदद मिलेगी, वहीं राजस्व भी जुटाया जा सकेगा। पी.एस.आई.डी.सी ने 861 औद्योगिक इकाइयों को कर्ज दिया था जिनमें से 739 इकाइयों ने निगम के साथ पहले ही निपटारा कर लिया है तथा 122 इकाइयों के मामले लम्बित हैं।
श्री अरोड़ा के अनुसार सरकार उद्योगों के नवीनीकरण और पुनर्जीवन के लिए वचनबद्ध है।इस नीति को मंजूरी देने के लिये उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह का धन्यवाद किया ।उन्होंने कहा कि नई नीति से कर्जदार कंपनियों और उद्यमियों को प्रफुल्लित होने का मौका मिलेगा, वहीें नौजवानों को रोजग़ार के मौके भी सृजित होंगे।
शर्मा विक्रम
वार्ता