चंडीगड़/अमृतसर 11 नवंबर (वार्ता) शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी ने रविवार को टकसाली नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा और डॉ रतन सिंह अजनाला को आज पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसके साथ ही श्री ब्रह्मपुरा के बेटे रवीन्दर सिंह ब्रह्मपुरा और डॉ रतन के बेटे अमरपाल सिंह को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
पार्टी प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आज चंडीगढ़ में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल के नेतृत्व में अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान कोर कमेटी के सदस्यों ने श्री ब्रह्मपुरा और श्री अजनाला को पार्टी से बाहर निकालने का प्रस्ताव रखा और इसे मंजूर भी कर लिया गया। उन्होने बताया कि बड़ा फैसला लेते हुए ब्रह्मपुरा, उनके सुपुत्र रवीन्द्र, डा. अजनाला और उनके सुपुत्र अमरपाल को पार्टी विरोधी कार्यवाहियों के लिए छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया है। सभी की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी खारिज कर दी गई है।
डॉ चीमा ने कहा कि रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा और डाक्टर रत्न सिंह अजनाला और उन्होंने दोनों के सुपुत्रों ने पार्टी के शीर्ष नेताओं सरदार परकाश सिंह बादल और पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिखाई गई नर्मी का गलत फायदा उठाते हुए पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे। उन्होने कहा कि कोर कमेटी ने महसूस किया कि श्री प्रकाश सिंह और श्री सुखबीर सिंह ने ब्रह्मपुरा को हमेशा ही उनके अपने क्षेत्र में राज्य के सभी नेताओं की अपेक्षा अधिक सम्मान दिया। वह अकाली सरकार के दौरान दो बार मंत्री रहे, चार बार विधायक रहे, इस के इलावा पार्टी में उन्होंने सरदार प्रकाश सिंह बादल और पार्टी प्रधान के बाद सबसे वरिष्ठ पदों पर भी रहे।
श्री ब्रह्मपुरा और डाक्टर अजनाला पार्टी द्वारा अतीत में लिए गए सभी फ़ैसलों में शामिल रहे हैं। इनमें पार्टी की सरकार समय लिए गए फ़ैसले भी शामिल हैं। कोर समिति ने कहा कि सरदार ब्रह्मपुरा बेअदबी के मुद्दे पर पार्टी के ख़िलाफ़ लगातार बयान देते आ रहे हैं, वह भूल रहे हैं कि जब कांग्रेसी नेता रमनजीत सिंह सिक्की ने बेअदबी के मुद्दे पर रोष के तौर पर इस्तीफ़ा देकर सीट खाली की थी तो उस सीट से अपने सुपुत्र रवीन्द्र सिंह ब्रह्मपुरा को चुनाव लड़ावाने के लिए सरदार ब्रह्मपुरा ने पार्टी लीडरशिप पर दवाब बनाया था।
खंडूर साहिब से सांसद रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, सेवा सिंह सेखवां और रतन सिंह अजनाला ने सर्वश्री सुखबीर और बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ बगावत छेड़ रखी थी। इससे पहले अकाली दल ने पार्टी से सेवा सिंह सेखवा को निकाल दिया था। सेवा सिंह सेखवा ने भी अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर सवाल खड़े किये थे। इसके साथ ही अजनाला और ब्रह्मपुरा ने भी पार्टी प्रधान पर सवाल खड़े किये थे।