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बीआरएस ने मोदी सरकार से की दिल्ली में अध्यादेश वापस लेने की मांग

बीआरएस ने मोदी सरकार से की दिल्ली में अध्यादेश वापस लेने की मांग

हैदराबाद 27 मई (वार्ता) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापना के संबंधमें केंद्र सरकार की ओर से लाये गये अध्यादेश का विरोध करते हुए शनिवार को मोदी सरकार से इसे वापस लेने की मांग की।

श्री राव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ यहां प्रगति भवन में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते आरोप लगाया कि अध्यादेश देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करेगा।

उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से पूर्ण बहुमत से चुनी गई आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को अध्यादेश के जरिए काम नहीं करने देना देश के लिए अच्छा नहीं है।

उन्होंने श्री केजरीवाल को अध्यादेश के खिलाफ अपनी पार्टी की लड़ाई का समर्थन करने का आश्वासन देते हुए कहा कि केंद्र का अध्यादेश दिल्ली के लोगों का अपमान है, जिन्होंने अपनी सरकार चुनी है।

श्री राव ने अलोकतांत्रिक तरीकों का सहारा लेने और दिल्ली सरकार के कामकाज को बाधित करने के लिए केंद्र सरकार की निंदा की। उन्होंने लोकतांत्रिक सिद्धांतों के क्षरण पर चिंता व्यक्त करते हुए 1975 में आपातकाल से पहले के दिनों की स्थिति की तुलना की।

उन्होंने कहा, "यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि दिल्ली सरकार एक निर्वाचित सरकार है, न कि मनोनीत सरकार। कर्नाटक में हालिया चुनावी परिणाम दर्शाता है कि लोग इस तरह के अलोकतांत्रिक प्रथाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पूरा देश इस तरह के कार्यों के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होगा।”

उन्होंने इस तरह के महत्वपूर्ण संस्थानों की अवहेलना करने पर देश के भाग्य पर सवाल उठाते हुए सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का सम्मान करने के लिए भारत सरकार की आवश्यकता पर जोर दिया।

आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री, जिन्होंने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ बीआरएस का समर्थन मांगा, ने कहा,“यदि सभी गैर-भारतीय जनता पार्टी दल एकजुट हो जाते हैं, तो राज्यसभा में अध्यादेश विधेयक को हराया जा सकता है क्योंकि संसद के ऊपरी सदन में भाजपा के पास बहुमत नहीं है।”

राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को हुई नीति आयोग की बैठक में तीनों मुख्यमंत्रियों ने शिरकत की।

श्री केजरीवाल ने गैर-भाजपा दलों से एकजुट होने और राज्यसभा में विधेयक को हराने का आग्रह किया, इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सर्वोच्च शरद पवार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इस मामले में उक्त सभी नेताओं ने श्री केजरीवाल को अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया।

गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 23 मई से अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों से समर्थन लेने के लिए राष्ट्रव्यापी दौरे की शुरुआत की।

संजय,आशा

वार्ता

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