नयी दिल्ली, 29 सितंबर (वार्ता) देश के विख्यात विद्वान, चिंतक, विचारक एवं भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व चेयरमैन तथा नेहरू मेमोरियल एवं लाइब्रेरी के अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रोफेसर डा. लोकेश चंद्रा ने रविवार को कहा कि भगवान बुद्ध की पेटिंग्स की अद्भुत प्रस्तुति जहां हमारे परंपरागत ध्यान को प्रदर्शित करती हैं, वहीं वे जीवन मूल्यों को प्रेरित करती हैं।
प्रो. लोकेश चंद्रा आज नई दिल्ली के डीफेन्स कालोनी स्थित अंतरराष्ट्रीय ख्याति की आर्यन आर्ट गैलरी में मशहूर चित्रकार नीता सिंह द्वारा भगवान बुद्ध पर बनाई गई पेंटिंग्स की प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज जब पूरी दुनिया मुस्लिम आतंकवाद का सामना कर रही है, ऐसे में भगवान बुद्ध की शिक्षाएं और संदेश हमें उसका सामना करने के लिए संबल प्रदान करते हैं। जैसे हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया जिससे दुनिया में भारत के शक्तिशाली होने का संदेश गया है।
इस अवसर पर नीता सिंह, उनके पति एवं प्रेरणास्रोत बरेली के जिलाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह, योग और ध्यान गुरू डा. वरूणवीर एवं सुरेंद्र सिंघल ने प्रोफेसर लोकेश चंद्रा को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। नीता सिंह ने उन्हें भगवान बुद्ध पर बनाई अपनी कलाकृति भेंट की। डीएम वीके सिंह और नीता सिंह ने आर्यन आर्ट गैलरी के स्वामी आर्य विद्वान ठाकुर विक्रम सिंह का भी शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया। गैलरी के निदेशक कुं. प्रज्ञा आर्य, आचार्य ओमप्रकाश सामवेदी, जैन विद्वान संगीता जैन, सामाजिक कार्यकर्ता डा. ओंकार मित्तल, पूर्णिमा सिंघल, दिव्यांश जैन, मधुकर मिश्र, जर्मन रेडियो के वरिष्ठ संवाददाता अनूप सक्सेना, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता यतेंद्र चैधरी एवं उमेश कुमार सिंह समेत अनेक कला विशेषज्ञों, विद्वानों, पत्रकारों, लेखकों ने दो दिन तक चलने वाली इस प्रदर्शनी के पहले दिन बुद्ध पर बनाई गई अलौकिक पेंटिंग्स को देखा और सराहा।
नीता सिंह ने बताया कि उनके पति जब यूपी के महाराजगंज में जिलाधिकारी थे तो उस दौरान उन्होंने भगवान बुद्ध के जन्म और निर्वाण स्थलों का भ्रमण किया तभी उनके मन में उनकी विभिन्न रूपों में पेंटिंग्स बनाने का विचार आया। अभी तक उन्होंने बुद्ध पर 28 पेंटिंग्स तैयार की हैं, जिनका प्रदर्शन आर्यन आर्ट गैलरी में किया गया। इन पेंटिंग्स में नीता सिंह ने उत्साह, उमंग और आशा के प्रति चटक रंगों का प्रयोग किया। उनकी पेंटिंग्स कैनवास और बोर्ड पर एक्रेलिक रंग में बनाई गई हैं जो एक नजर में ही दर्शकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
जितेंद्र टंडन
वार्ता