बिजनेसPosted at: Sep 25 2018 3:39PM श्री सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के लिए संभावित 121 देशों में से अब तक 68 ने इस पर हस्ताक्षर कर दिये हैं जिनमें 44 देशों में समझौते को आंतरिक मंजूरी भी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है क्योंकि इस गठबंधन की स्थापना भारत की पहल पर हुई है। भारत ने इसका स्थापना के लिए 175 करोड़ रुपये देने का वादा किया था जिसमें 140 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सौर गठबंधन का जल्द की विस्तार किया जायेगा। लगभग सभी अफ्रीकी देश इसका सदस्य बनने की इच्छा दिखा रहे हैं। वे चाहते हैं कि भारतीय विशेषज्ञ उनके यहाँ सौर ऊर्जा संयंत्रों के विकास में मदद दें। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव आनंद कुमार ने बताया कि देश में सौर ऊर्जा क्षमता तेजी से बढ़ रही है और संभव है कि 2022 तक हम 175 गीगावाट के लक्ष्य से ज्यादा क्षमता स्थापित कर लेंगे। उन्होंने कहा कि तीनों कार्यक्रमों का लक्ष्य दुनिया को एक मंच पर लाकर नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में चर्चा करना है। अजीत अर्चनावार्ता