बिजनेसPosted at: Nov 14 2018 5:06PM श्री सिंह ने कहा कि सरकारिता क्षेत्र को सरकार हर संभव सहायता देने का प्रयास कर रही है। वित्तीय संकट का सामना कर रहे नैफेड को बचा लिया गया है । किसानों से फसलों की खरीद करने वाली इस संस्था के बजट को 300 करोड़ रुपये से बढाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है । इसके साथ ही सरकार ने इसके लिए 45,000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दी है ।उन्होंने कहा कि सहकारिता से जुड़ी योजनाओं के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के साथ साथ अन्य राज्यों को भी आर्थिक मदद दी जा रही है ।इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष और सांसद चन्द्रपाल सिंह यादव ने कहा कि कुछ सहकारी समितियों की प्रशासनिक व्यवस्था ठीक नहीं होने तथा व्यावसायिक ढंग से काम नहीं करने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है ।श्री यादव ने कहा कि एक समय सहकारिता समितियां कृषि क्षेत्र में 75 प्रतिशत रिण देती थी जो अब घटकर 15-16 प्रतिशत रह गयी है । बैंक हावी हो गये हैं और वे किसानों का शोषण कर रहे हैं । उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी नीति बनाने पर भी जोर दिया ।भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक के जी सुरेश ने कहा कि मीडिया और सहकारिता हाथ मिलाये तो क्रांति हो सकती है । सहकारिता की सफलता के लिए संवाद होना जरुरी है । उन्होंने कहा कि उनका संस्थान सहकारिता के क्षेत्र में जागरुकता बढाने के लिए काम करेगा । अरुण अर्चनावार्ता