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सीएए हमारे संविधान की भावना की अभिव्यक्ति है-सुधांशु

सीएए हमारे संविधान की भावना की अभिव्यक्ति है-सुधांशु

भोपाल, 03 जनवरी (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आज नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का समर्थन करते हुए कहा कि राजनैतिक पार्टियां अपने हित के लिए इस कानून का विरोध कर रही है।

श्री त्रिवेदी ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में जहां-जहां, जो-जो लोग धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं, उन्हें संरक्षण दिया जाए। सीएए हमारे संविधान की भावना की अभिव्यक्ति है और यह लोकतांत्रिक भारत का जवाब है।

उन्होंने कहा कि सीएए के विरोध में जिस तरह की हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ हो रहे हैं, वह खेदजनक है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं वे अपने हित के लिए ऐसा कर रहे है। सीएए के विरोध को एक उपयोगी टूल या औजार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीएए लागू होने के बाद पाकिस्तान से आए जिन लोगों को भारत की नागरिकता मिलना है, उनमें से 90 प्रतिशत दलित हैं। लेकिन स्वयं को दलितों का हितैषी बताने वाले नेता इसका विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय दल होकर केरल विधानसभा के प्रस्ताव का समर्थन कर रही है। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि नागरिकता केंद्र का विषय है, राज्यों का नहीं, फिर वह किस आधार पर केरल विधानसभा के प्रस्ताव का समर्थन कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों के बारे में सोचा गया हो। देश के विभाजन के समय सितम्बर, 1947 में महात्मा गांधी ने कहा था कि जो हिंदू, सिख, पाकिस्तान से आना चाहते हैं, इन्हें शरण देना ही नहीं बल्कि इनकी आजीविका का प्रबंध और इन्हें जीवन स्तर सुधारने का अवसर देना भारत सरकार का प्रथम कर्तव्य है।

डाॅ. त्रिवेदी ने आरोप लगताते हुए कहा कि कांग्रेस सीएए का विरोध करने वालों में सबसे आगे है।

नाग

वार्ता

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