नयी दिल्ली, 17 मई (वार्ता) लेखा पेशे का विनियमन करने वाले भारत और मालदीव के संस्थानों के बीच सहयोग की सहमति के समझौते को सरकार ने बुधवार को मंजूरी दी।
सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और द चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ़ द मालदीव (सीए मालदीव) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने को मंजूरी दी।
इसका उद्येश्य लेखा क्षेत्र में ज्ञान की उन्नति, व्यावसायिक और बौद्धिक विकास और संबंधित सदस्यों के हितों को आगे बढ़ाने के लिए आपसी सहयोग स्थापित करना तथा मालदीव और भारत में लेखा व्यवसाय के विकास में सकारात्मक योगदान देना है।
बयान के अनुसार समझौता ज्ञापन का उद्देश्य व्यावसायिक लेखा प्रशिक्षण, पेशेवर नैतिकता, तकनीकी अनुसंधान, लेखाकारों के व्यावसायिक विकास के सन्दर्भ में विचारों, जानकारियों के आदान-प्रदान के माध्यम से लेखांकन के मामलों में आईसीएआई और सीए मालदीव के बीच सहयोग को मजबूत करना है। इसका उद्देश्य एक दूसरे की वेबसाइट, सेमिनारों, सम्मेलनों, छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रमों और दोनों संस्थानों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी अन्य संयुक्त गतिविधियों के माध्यम से आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है। यह एमओयू दुनिया में इस पेशे को बढ़ावा देने के लिए
भारत और मालदीव के लेखांकन पेशे के विकास पर अपडेट भी प्रदान करेगा।
भारत का संस्थान मालदीव के सीए संस्थान को इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ अकाउंटेंट्स (आईएफएसी) की सदस्यता हासिल करने में तकनीकी मदद करेगा।
मनोहर श्रवण
वार्ता