नयी दिल्ली 08 फरवरी (वार्ता) प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक व्यवस्था के दायरे में लाने और मत्स्य पालन क्षेत्र से संबंंधित सूक्ष्म और लघु इकाईयों को बढावा देने के लिए प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र उप-योजना ‘प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई)’ को गुरूवार को मंजूरी दे दी।
इसके लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2026-27 तक अगले चार वर्षों की अवधि में 6,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जायेगा।
इस उप-योजना को 6,000 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय पर पीएमएमएसवाई के केंद्रीय क्षेत्र घटक के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र उप-योजना के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा।
इस योजना से मछुआरे, मछली (जलीय कृषि) किसान, मछली श्रमिक, मछली विक्रेता या ऐसे अन्य व्यक्ति जो सीधे मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला से जुड़े हुए हैं उन्हें फायदा मिलेगा।
इसका उद्देश्य 40 लाख छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को कार्य आधारित पहचान प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाना, मत्स्य पालन क्षेत्र का क्रमिक औपचारिकीकरण और संस्थागत ऋण तक पहुंच में वृद्धि करना है। यह पहल 6.4 लाख सूक्ष्म उद्यमों और 5,500 मत्स्य पालन सहकारी समितियों को संस्थागत ऋण तक पहुंच प्रदान करने में सहायता करेगी।
संजीव
वार्ता