नयी दिल्ली 09 अक्टूबर (वार्ता) सरकार ने देश की 45 सौ वर्ष पुरानी समुद्री विरासत को संजोने तथा इसे भावी पीढियों तक पहुंचाने के लिए गुजरात के लोथल में विश्वस्तरीय राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर का विकास करने का निर्णय लिया है।
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुबह हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। उन्होंने कहा कि यह परियाेजना दो चरणों में पूरी की जायेगी।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने मास्टर प्लान के अनुसार परियोजना के चरण 1 बी और चरण 2 के लिए स्वैच्छिक संसाधनों तथा योगदान के माध्यम से धन जुटाने के बाद उनके निष्पादन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।
चरण 1 बी के तहत लाइट हाउस संग्रहालय के निर्माण को लाइट हाउस और लाइटशिप महानिदेशालय (डीजीएलएल) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। लोथल में इस परिसर के विकास, प्रबंधन और संचालन के लिए सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री की अध्यक्षता में एक शासी परिषद द्वारा एक अलग सोसायटी का गठन किया जायेगा जो परियोजना भविष्य के चरणों के विकास का कार्य करेगी।
इस परियोजना से 15,000 प्रत्यक्ष और 7,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।इससे क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय समुदायों, पर्यटकों , आगंतुकों, शोधकर्ताओं , विद्वानों, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक संगठनों, पर्यावरण , संरक्षण समूहों तथा व्यवसायों को काफी मदद मिलेगी।
इस परिसर का मास्टर प्लान प्रसिद्ध वास्तुविद कंपनी मेसर्स आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रैक्टर द्वारा तैयार किया गया है और चरण 1 ए का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को सौंपा गया है। परियोजना का चरण 1 ए 60 प्रतिशत से अधिक भौतिक प्रगति के साथ कार्यान्वयनाधीन है और इसे 2025 तक पूरा करने की योजना है।
संजीव.साहू
वार्ता