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खेलों में नौकरी करने आयी थी लेकिन जीवन बदल गया : स्वप्ना

खेलों में नौकरी करने आयी थी लेकिन जीवन बदल गया : स्वप्ना

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (वार्ता) एशियाई खेलों में हेप्टाथलन जैसी मुश्किल प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास बनाने वाली एथलीट स्वप्ना बर्मन खेलों में नौकरी करने आयी थी लेकिन खेलों ने ही उनका जीवन ऐसा बदल डाला कि वह स्टार बन गयीं।

स्वप्ना ने महिला मुक्केबाज सिमरनजीत कौर और स्क्वैश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल के साथ शुक्रवार को यहां स्पोर्ट्सवियर ब्रांड एडिडास के नयी एथलेटिक्स फ्रेंचाइजी वीआरसीटी जैकेट लांच किए जाने के अवसर पर अपने जीवन की कहानी को साझा किया और बताया कि किस तरह वह खेलों की ऊचांइयों तक पहुंची। स्वप्ना के साथ दीपिका और सिमरन ने भी अपने जीवन की कहानी को साझा किया।

हाल में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हुई हेप्टाथलन एथलीट स्वप्ना ने कहा, “मेरी कहानी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मैंने जीवन में एक लंबा सफर तय किया है। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और फिर अर्जुन पुरस्कार मेरे जीवन के गौरवपूर्ण क्षण हैं। मेरी जीवन यात्रा बहुत मुश्किल और सबसे अलग थी। लेकिन मेरे परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया।”

अपने पैरों में छह उंगलियों के कारण मुश्किल हालात से गुजरने वाली स्वप्ना ने कहा, “मैं तो खेलों में नौकरी करने आयी थी ताकि मैं अपने परिवार की मदद कर सकूं। लेकिन खेलों ने मेरा जीवन ही बदल डाला। एडिडास ने मुझे सहारा दिया और मुझे ऐसे विशेष जूते बनाकर दिए जिसने मेरा खेल करियर ही बदल डाला। सब बोलते थे कि मैं हेप्टाथलन में हिस्सा नहीं ले पाउंगी। लेकिन मैंने ठान लिया था कि मैं खेलों में उतरूंगी और देश के लिए पदक जीतूंगी। मुझे खुशी है कि मैंने यह कर दिखाया।”

राज, शोभित

जारी वार्ता

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