चंडीगढ़, 18 सितंबर (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ खींचतान के बीच शनिवार को इस्तीफा दे दिया।
श्री सिंह ने अपराह्न साढ़े चार बजे पंजाब राजभवन जाकर राज्यपाल बनवारी लाल पुराेहित को मंत्रिपरिषद का इस्तीफा सौंपा। चंडीगढ़ में राजभवन से बाहर निकल कर उन्होंने कहा, “मैंने आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को कह दिया था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं। पिछले दो महीने में मुझे जिस तरह बार-बार तलब किया गया, वह मेरे लिए अपमानजनक था। ”
उन्होंने कहा कि वह अपने भविष्य की राजनीति का फैसला अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करके जल्द ही करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ भविष्य की मेरी राजनीति क्या होगी, यह मैं अपने साथियाें से विचार-विमर्श करके करूंगा।”
उन्होंने कहा, “ मैं अपने विकल्पों का उपयोग करूंगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या अब वह भारतीय जनता पार्टी में जा सकते हैं, उन्होंने कहा, “ आप कुछ भी कहते रहें, मैं कांग्रेस में हूं, 52 वर्षों की मेरी राजनीति है, मैं साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री रहा हूं, अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करके आगे का फैसला करूंगा।”
श्री सिंह ने कहा, “ जिस तरह पिछले दो महीने में मुझे तीन बार बुलाया गया, जिससे मुझे लगा कि मेरे ऊपर शक किया जा रहा है, यह मेरे लिए अपमानजनक था।”
उल्लेखनीय है कि श्री सिंह का पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री सिद्धू के साथ छत्तीस का आंकड़ा है और इसको लेकर वह आहत थे।
कैप्टन सिंह ने कहा कि उन्होंने सुबह ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की थी और उन्हाेंने उन्हें बता दिया था कि वह पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह केवल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन कांग्रेस में बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि गत दो माह में तीसरी बार विधायक दल की बैठक हो रही है। दो बार यह दिल्ली में और अब चंडीगढ़ में बुलाई गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी हाईकमान को उनकी कार्यक्षमता पर संदेह है। उन्होंने कहा कि वह इस घटनाक्रम से वह अपमानित हुये हैं। अब यह हाईकमान पर निर्भर है कि वह जिसे चाहे मुख्यमंत्री बनाए।
उन्होंने कहा कि वह पार्टी हाईकमान के उनके पद से हटाने से फैसले को स्वीकार करते हैं। भावी रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस में ही रहेंगे तथा उनके साथ लम्बे अर्से से रहे समर्थक विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के बाद ही इस बारे में फैसला लेंगे।
इधर, अमरिंदर और उनके अनेक मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद अब पार्टी विधायक दल की बैठक में नये नेता के चुनाव को लेकर चर्चा होगी। बताया जाता है कि पार्टी विधायक दल की बैठक में इसके नये नेता के चयन काे लेकर फैसला हाईकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है।
रमेश1713वार्ता