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समाज कल्याण विभाग से जुड़े हजारों करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई को

समाज कल्याण विभाग से जुड़े हजारों करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई को

बिलासपुर 30 जनवरी(वार्ता)छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने समाज कल्याण विभाग से जुड़े राज्य स्त्रोत निःशक्त जन संस्थान में लगभग एक हजार करोड़ रूपए के घोटाले की केन्द्रीय जांच ब्यूरों(सीबीआई) को जांच करने तथा दो पूर्व मुख्य सचिवों समेत अन्य लोगो के विरूद्द प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा और पार्थ प्रतीम साहू की दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई पहले ही पूरी कर ली थी और आज यह आदेश सुनाया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि राज्य स्त्रोत निःशक्त जन संस्थान काग़ज़ों में बनाई गई, इसमें याचिकाकर्ता एवं अन्य को कर्मचारी बताकर वेतन आहरित किया जाता था और पूरा सेटअप चलाया जाता था।

याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि इस जन संस्थान के माध्यम से निःशक्त जनों को प्रशिक्षण दिया जाना और उन्हें बेहतर जीवन उपलब्ध कराए जाने की क़वायद की जाती थी,लेकिन यह सब कुछ काग़ज़ों में था। पिछले 10 वर्षों में इस संस्थान के माध्यम से एक हज़ार करोड़ का घोटाला किया गया। अदालत से इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरों(सीबीआई) से कराने की याचना की गई है।

पीठ ने घोटाले के आरोपो को प्रथम दृष्टया काफी गंभीरता से लेते हुए सीबीआई को जांच सौंपते हुए मामले में एक सप्ताह के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए है।जिन लोगो के विरूद्द प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए गए है उनमें दो सेवानिवृत मुख्य सचिव एवं एक सेवानिवृत अपर मुख्य सचिव भी शामिल है।पीठ ने सीबीआई को 15 दिन में विभाग से दस्तावेज जप्त करने के आदेश दिए है।पीठ ने यह भी कहा है कि सीबीआई जब भी जरुरत पड़े, अदालत में उचित आवेदन के माध्यम से मदद ले सकती है।

हबीब.साहू

वार्ता

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