भारतPosted at: Apr 4 2019 8:09PM सीबीएसई की दसवी, बारहवीं के नतीजे मई के तीसरे सप्ताह में
नयी दिल्ली 04 अप्रैल (वार्ता) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा के नतीजे मई के तीसरे सप्ताह में आने की उम्मीद है। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने यह जानकारी दी।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि एक करोड़ 70 लाख कापियों की समय पर बेहतर ढंग से जांच के लिए इस बार शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है और एक दिन पहले डम्मी जांच की व्यस्था शुरू की गई है। कापियों की जांच में भाग न लेने वाले 3500 शिक्षकों को नोटिस भी जारी किया गया है और संतोषजनक जवाब न मिलने पर प्रत्येक शिक्षक से 50 हज़ार जुर्माने के रूप में वसूले जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस बार एक विशेष मोबाइल ऐप से प्रश्न पत्रों की निगरानी किये जाने जैसे 20 नए कदम उठाए जाने के कारण कोई पेपर लीक नहीं हुआ।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि 15 मार्च से शुरू सीबीएसई की परीक्षाओं के लिए 21 हज़ार स्कूलों के छह हज़ार परीक्षा केंद्रों पर कुल 31 लाख 14 हज़ार 831 छात्रों ने 213 विषयों की परीक्षा दी। जिनमें 55 विषय कौशल विकास के थे। इनमें 28 किन्नर, 7288 दिव्यांग, 12 लाख 95 हज़ार 754 लड़कियां थीं। देश भर में सर्वाधिक 2 लाख 72 हज़ार 271 लड़कियां दिल्ली की है। इसके लिए कुल 6000 परीक्षा केंद्र बनाये थे जिनमें 98 विदेशों में थे और इस बार 39 भाषाओं में परीक्षाएं हुयी।
उन्होंने बताया कि 15 मई तक सारी कापियां जांच ली जायेंगी। कापियों के मूल्यांकन की गुणवत्ता सुधारने के लिए हमने दो लाख शिक्षकों को ऑनलाइन परीक्षण भी दिया और 100 केंद्रों पर प्रेजेंटेशन की भी व्यवस्था की गई। कापी जांचने के लिए एक दिन पहले डम्मी कापी जांच कार्य शुरू किया गया ताकि कॉपी जांचने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो।
उन्होंने बताया कि इस बार पेपर लीक को रोकने के लिए गोपनीय सामग्री ट्रेकिंग एवम मॉनिटरिंग ऐप शुरू किया गया और हर प्रिंसिपल को दिया गया। इस बार प्रश्न पत्र लाने उसे पहुंचाने की जिम्मेदारी केवल प्रिंसिपल की तय की गई किसी दूसरे शिक्षक को जिम्मेदारी नहीं दी गई और प्रिंसिपल की मोबाइल में वह एप डाउनलोड किया गया ताकि प्रश्न पत्र लेने के समय ,प्रश्न पत्र जमा करने के समय का पता चले और हर काम के लिए एक समय तय कर दिया गया ताकि विलम्ब होने पर पता लगे कि प्रश्न पत्र के वितरण आदि में क्यों विलंब हुआ। इस बार बड़ी संख्या में पर्यवेक्षक भी तैनात किये गये।
इस बार पहली मर्तबा 25 अंकों के ऑब्जेक्टिब प्रश्न पत्र थे जबकि पहले 10 अंक के होते थे। इस बार छात्रों के लिए आंतरिक चॉइस के 33 प्रतिशत प्रश्न भी रखे गए थे।
उन्होंने बताया कि दसवीं बारहवीं की परीक्षा पर 350 करोड़ रुपये खर्च होते है। प्रति छात्र प्रति विषय 75 रुपये लिए जाते है लेकिन उससे परीक्षा खर्च नहीं निकल पाता। इस बार सर्वाधिक छात्र फिजिकल एजुकेशन के थे जिनकी संख्या 12 वीं में 7 लाख 28 हज़ार थी जबकि सर्वाधिक कम थिएटर और मानवाधिकार प्रबंधन के थे जिनमें केवल एक एक छात्र थे।
उन्होंने बताया कि सीबीएसई हर वर्ष किसी न किसी विषय पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी और विशेष वर्ष मनाएगी। 2019- 20 सत्र से शिक्षा अनुभव वर्ष मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिक्षा वाणी ऑडियो सेवा से भी काफी सुधार हुआ एवम अब छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को कई जानकारियां पाठ्य सामग्री मिल जाएगी।