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एसवाईएल नहर मुद्दे में केंद्र हस्तक्षेप करे: खट्टर

एसवाईएल नहर मुद्दे में केंद्र हस्तक्षेप करे: खट्टर

चंडीगढ़, 20 फरवरी(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र सरकार से एसवाईएल, हांसी-बुटाना लिंक नहर के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है ताकि राज्य को अपने हिस्से का पानी मिल सके।

श्री खट्टर ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की छठी संचालन परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुये यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी की उपलब्धगता हेतु किशाऊ बांध के लिए जल्द ही एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके अलावा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के साथ लखवार और रेणूका बांधाें के लिए समझौता किये जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जल संरक्षण एवं जल का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कईं कदम उठाए हैं। प्रदेश का अधिकांश हिस्सा डार्क जोन में तबदील होता जा रहा है इसलिए केंद्र सरकार एसवाईएल, हांसी- बुटाना लिंक नहर के मुद्दे पर हस्तक्षेप कर इसे जल्द सुलझाए ताकि राज्य को अपने हिस्से का पानी मिल सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश में बड़े राज्यों में सर्वाधिक जीएसटी संग्रहण कर रहा है लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण उसे इसका मात्र 20 प्रतिशत ही मिल पाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अधिक जीएसटी संग्रहण करने वाले राज्यों के लिए प्रोत्साहन योजना बनाने का आग्रह किया।



उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीब परिवारों के कल्याणार्थ महत्वकांक्षी “परिवार पहचान पत्र“ योजना शुरू की गई है जिसके तहत गरीब परिवारों को चिह्नित कर उनके विकास के लिए उन्हें सरकार की ओर से हरसम्भव मदद दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य अंत्योदय को आगे बढ़ाना है, ताकि पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ पहुंच सके। उन्होंने भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार के उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने राज्य स्तर पर अनुपालन बोझ कम करने और ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस के लिए हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति 2020 शुरू की है। जिला स्तरीय कार्य योजना का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन और विभिन्न अधिनियमों के तहत लाइसेंसों के नवीनीकरण की आवश्यकता समाप्त कर अनुपालन बोझ कम किया गया है।

श्री खट्टर के अनुसार लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन में सुधार कर व्यापार करने की लागत को कम किया है। इसके लिए लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग पॉलिसी, 2019 लॉंच की गई। नारनौल में एकीकृत मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब तथा गन्नौर में लगभग सात हजार करोड़ रुपय की लागत से अंतरराष्ट्रीय बागवानी बाजार स्थापित किया जा रहा है। गुरुग्राम में फूल मार्किट, सेब के व्यापार की सुविधा के लिए पंचकूला में सेब मार्किट और सिरसा में मसाला मार्किट भी बनाई जा रही है। विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए ड्रोन कॉर्पोरेशन की स्थापना की जा रही है और पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लघु, मध्यम एवं सुक्ष्म उद्योगों (एमएसएमई) को माल ढुलाई सब्सिडी दी जा रही है। जिला स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समितियों का भी गठन किया गया है। वर्तमान में प्रदेश से लगभग 85,000 करोड़ रुपये का निर्यात किया जा रहा है जिसमें बासमती, सूचना प्रौद्योगिकी उत्पाद और ऑटोमोबाइल कलपुर्जे शामिल हैं। एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत 32 उत्पादों की पहचान की गई है।

रमेश1753जारी वार्ता

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