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केन्द्र सरकार उत्तराखंड के ऑक्सीजन कोटा को बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करे: हाईकोर्ट

केन्द्र सरकार उत्तराखंड के ऑक्सीजन कोटा को बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करे: हाईकोर्ट

नैनीताल, 21 मई (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने के लिये राज्य सरकार के अनुरोध पर गंभीरता से विचार करे और पूरे मामले में एक सप्ताह के अंदर निर्णय ले।

इसके साथ ही अदालत ने बदरीनाथ और केदारनाथ में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

शुक्रवार को देर शाम को जारी आदेश में मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने कहा कि केन्द्र सरकार उत्तराखंड के ऑक्सीजन कोटा को 183 टन से बढ़ाकर 300 टन करने पर गंभीरता से विचार करे। अदालत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना का प्रकोप आसमान छू रहा है और राज्य की विषम भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर विचार किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा है कि केन्द्र इस प्रकरण में एक सप्ताह के अंदर निर्णय ले। यही नहीं अदालत ने कहा कि केन्द्र सरकार प्रदेश को दस-दस हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर, एक लाख ऑक्सीमीटर, 30 ऑक्सीजन प्लांट एवं अन्य महत्वपूर्ण मशीनें उपलब्ध कराये। अदालत ने यह भी कहा कि नौ जून को होने वाली अगली सुनवाई के लिये केन्द्र सरकार का एक प्रतिनिधि अदालत इस प्रकरण में अदालत में मौजूद रहे।

इसके अलावा अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि चारधाम में एसओपी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये और उनके खिलाफ मामला दर्ज करे। अदालत ने प्रदेश सरकार को एसओपी का पालन कराने के लिये चारधाम में पर्याप्त लोगों की तैनाती करने के निर्देश दिये हैं।

अदालत ने चिंता जताई की कि कपाट खोलने के दौरान बदरीनाथ और केदारनाथ में अधिक संख्या में तीर्थ पुरोहित मौजूद थे और सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में साफ दिखायी दे रहा है कि इनमें से अधिकांश ने न तो मास्क पहना था और न ही सामाजिक दूरी का पालन किया गया।

अदालत ने प्रदेश सरकार को भवाली स्थित टीवी सेनिटोरियम को कोविड केयर सेंटर बनाये जाने काम में भी तेजी लाने को कहा है। इससे पहले स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार टीवी सेनिटोरियम को कोविड केयर सेंटर के रूप में विकसित कर रही है और यहां 100 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराये जाने की योजना है।

अदालत ने केन्द्र सरकार को राज्य का रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा भी नियमित उपलब्ध कराने को कहा है। साथ ही स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी और केन्द्र सरकार को सभी मामलों में नौ जून से पहले रिपोर्ट पेश करने को कहा है। यही नहीं अदालत ने प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश एवं स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को नौ जून को होने वाली सुनवाई के दौरान अदालत में वर्चुअल पेश होने के निर्देश दिये हैं। अदालत ने कल सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

रवीन्द्र, उप्रेती

वार्ता

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