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केन्द्र सरकार उद्योगों के लिए राहत पैकेज की शीघ्र घोषणा करे-मीणा

केन्द्र सरकार उद्योगों के लिए राहत पैकेज की शीघ्र घोषणा करे-मीणा

जयपुर 08 मई (वार्ता) राजस्थान के उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने केन्द्र सरकार से एमएसएमई उद्योगों सहित सभी उद्योगों को लिए राहत पैकेज शीघ्र घोषित करने की मांग की है।

श्री मीणा ने आज यहां एक बयान में कहा कि केन्द्र सरकार के पैकेज में औद्योगिक इकाइयों के लिए कर्ज की सहज उपलब्धता, ब्याजदर में रियायत, जीएसटी में छूट आदि की शीघ्र घोषणा की जानी चाहिए ताकि देश के उद्योग-धंधों को पटरी पर लाया जा सके और अर्थ व्यवस्था गति पकड़े।

उन्होंने कहा कि 1600 करोड़ रु. के ईएसआई फण्ड से श्रमिकों के वेतन का सीधे उनके खातों में भुगतान किया जाए ताकि श्रमिकों को समय पर वेतन और उद्यमियों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने में पूरी ताकत के साथ लगी हुई है वहीं प्रदेश के उद्योग-धंधों को भी पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उद्योगों के प्रति संवेदनशील है और यही कारण है कि सात मई को ही वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों एवं प्रमुख उद्यमियों से संवाद कायम किया है। इससे पहले 10 अप्रेल को भी औद्योगिक संघों से सीधा संवाद कायम कर समस्याओं को जाना और हर संभव समाधान किया गया।

श्री मीणा ने कहा कि पहले चरण में प्रदेश की आटा, दाल, बेसन, तेल आदि मिलों में उत्पादन जारी रखने को कहा गया वहीं लॉक डाउन के तीसरे चरण आते आते प्रदेश के कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों को छोड़कर शेष सभी क्षेत्रों के रीको औद्योगिक क्षेत्र, निजी औद्योगिक क्षेत्र, औद्योगिक पार्क, विशेष आर्थिक जोन और ग्रामीण क्षेत्र की सभी इकाइयों के साथ ही नगरीय सीमा की एकल इकाइयों को औद्योगिक गतिविधियों के लिए अनुमत किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों के वे ब्रीज (धर्मकांटा) भी शुरु करने की अनुमति दे दी है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि उद्यमियों की आशंकाओं को दूर करने से उनमें विश्वास जगा है और बड़े उद्योगों सहित एमएसएमई उद्योग खुलने लगे है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नौ हजार से अधिक उद्योगों ने काम शुरु करने की पहल की है। इसके साथ ही राज्य में 200 से अधिक बड़े कारखानों में उत्पादन कार्य आरंभ होने से इनकी सहायक इकाइयों में भी काम होने लगा है। इससे बड़ी संख्या में लोग काम पर आने लगे हैं और उत्पादन व रोजगार की श्रृृंखला बनी है।

रामसिंह

वार्ता

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