जयपुर, 22 मार्च (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के नाम पर केंद्र सरकार लोगों को धर्म के आधार बांटना चाहती है।
श्री गहलोत ने आज यहां सीएए और एनआरसी के विरोध में निकाले गये शांतिमार्च के बाद आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सीएए और एनआरसी को देश में लागू नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि इनक जरिए श्री नरेंद्र मोदी देश की जनता को हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई, जैन धर्म में बांटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून के जरिए हर नागरिक से दस्तावेज मांगे जायेंगे। इसके बाद क्या स्थिति बनेगी। लोगों को इसके जरिए जलील किया जायेगा। दस्तावेज दिखाने पर उन पर एहसान किया जायेगा। इसका असर केवल मुसलमानों पर ही नहीं, बल्कि सभी पर होगा।
श्री गहलोत ने कहा कि यही वजह है कि देशभर में इन कानूनों का विरोध हो रहा है। लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। देश में आग लगी। लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन गोलियां वहीं चलती हैं जहां भाजपा का शासन हैं। लोग मारे जा रहे हैं। अकेले उत्तरप्रदेश में ही 15 लोग मारे गये हैं। प्रदर्शन तो पुणे,आंध्रप्रदेश, हैदराबाद में हुए और अब जयपुर में भी देख लिया। सभी शांतिपूर्ण रहे। उन्होंने कहा कि बहुमत से कानून बना सकते हो, लेकिन दिल नहीं जीत सकते।
उन्होंने कहा कि इस तरह के कानून में संशोधन पहले भी हुए हैं, लेकिन किसी समुदाय विशेष को लक्षित करके नहीं बनाये गये। धर्म के नाम पर पहले ही पाकिस्तान बन गया। अब ये लोग फिर राष्ट्रवाद और हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं। धर्म के नाम पर देश को फिर बांटना चाहते हैं। श्री गहलोत ने कहा कि इनका और आरएसएस का एजेंडा है धारा 370, कॉमन सिविल कोड, राममंदिर और अब हिंदू राष्ट्र। आखिर ये देश के कितने टुकड़े करना चाहते हैं। लोग अब इनकी चालों को समझ चुके हैं। इनका राष्ट्रवाद खोखला है।
सुनील
जारी वार्ता